इस किताब में ऐसी बहुत सारी जगहें हैं जहां पर आप लिख सकते हैं। पढ़ते पढ़ते अगर आपको कुछ लिखने का मन कर जाए तो लिखिए... किताब का उद्देश्य यही है।
प्यार करना बहुत ही सहज है, जैसे कि ज़ुल्म को झेलते हुए ख़ुद को लड़ाई के लिए तैयार करना. -पाश
Friday, March 8, 2024
Shaurya Gatha: The book
Thursday, March 7, 2024
शौर्य गाथा 112.
भाईसाहब की पेंटिंग स्किल्स बेहतर होती जा रही हैं, साथ ही अब वे दीवारों को अपना कैनवास भी कम बना रहे हैं, इसलिए मम्मा पापा ने भी चैन की सांस ली हुई है.
Friday, March 1, 2024
शौर्य गाथा 111.
पापा भाईसाहब को सुलाने की कोशिश कर रहे हैं। "बेटा क्लोज योर आईज़।" पापा बोलते हैं।
Tuesday, February 27, 2024
पापा के नोट्स 7
Thursday, February 22, 2024
शौर्य गाथा 109
पापा 5 सेकंड रूल वाले हैं। मतलब कोई भी खाने की चीज जमीन पर गिर गई है तो तुरंत उठा-पौंछकर खा सकते हैं।
Thursday, February 15, 2024
शौर्य गाथा 108.
दो महीने बाद भाईसाहब तीन साल के हो जाएंगे... और मुझे अभी से वह दिन याद आ रहा है 23 मार्च 2021. कितना इमोशनल दिन था मेरे लिए... हाथ में लेते हुए इस नन्हीं-सी जान को टप-टप आंसू गिरे थे. इन लगभग तीन वर्षों में कितनी बदल गई है जिंदगी. बहुत से एहसास हैं जो नए-नए मेरे अंदर जन्मे हैं... बहुत सी बातें हैं जो मैंने इस बच्चे से सीखी है... बहुत सा प्रेम है जो महसूस किया है... और भाईसाहब? लगभग तीन साल के भाईसाहब कुछ ज्यादा जिद्दी हो गए हैं... चूजी हो गए हैं... और बहुत सारा प्यार करने लगे हैं. मसलन ऑफिस से आते हैं पुच्ची पर पुच्ची देते हैं फिर जोर से पापा को भींच लेते हैं.
Saturday, February 3, 2024
शौर्य गाथा 107.
रात के 11 बजने को हैं और भाईसाहब जोर जोर से "दादू... दादू... दादू..." चिल्ला रहे हैं। रात में दादू की इतनी तेज याद आ रही है! पापा पूछते हैं "दादू को वीडियो कॉल करूं?"
Wednesday, January 24, 2024
मां बिन दो दिन | पार्ट 5
Saturday, January 20, 2024
मां बिन दो दिन | Part 4
Thursday, January 18, 2024
मां बिन दो दिन | Part 3
Wednesday, January 17, 2024
मां बिन दो दिन | Part 2
Monday, January 15, 2024
मां बिन दो दिन | Part 1
Wednesday, January 10, 2024
शौर्य गाथा 101.
चाचू भाईसाहब को पुतरा (मतलब : गुड्डा, Doll) बोलते हैं। भाईसाहब को ये शब्द रट गया है। भाईसाहब जब अच्छे मूड में होते हैं (मतलब पेट भरा हो, नींद पूरी हो) तो पापा के पास आते हैं, पापा के पेट पर चढ़ते हैं और गालों को हाथ में ले खिलाते हैं और कहते हैं "पुतरा ता तल लहे हो? तलो थेलने तले?"
Saturday, January 6, 2024
शौर्य गाथा 100.
भाई साहब को भी नेमप्लेट चाहिए। भाईसाहब की जिद है तो पापा को पूरी करनी पड़ेगी। पापा बनवा देते हैं। अब भाईसाहब दिन रात उसे लगाए घूम रहे हैं। जागते कुछ याद आए न आए, नेमप्लेट याद जरूर रहती है।
Thursday, January 4, 2024
शौर्य गाथा 99.
भाईसाहब दिन-ब-दिन बड़े हो रहे हैं और साथ ही बातूनी भी होते का रहे हैं। उनके मुख से निकले तोतले शब्दों को सुनना आनंददायक है। बोलने की समझ विकसित होते देख आप आश्चर्य से भर उठते हैं!