Saturday, November 26, 2022

शौर्य गाथा : Children's Day


 हल्के जाड़े वाली बड़ी खुशनुमा सी सुबह है. भाईसाहब की गुडमॉर्निंग हो गई है. जागते ही स्माइल करते हुए बोलते हैं, 'पापा...' सुबह और खुशनुमा लगने लगती है.

मैं उन्हें उठाकर Hug करता हूं और दो तीन बार चूमने के बाद बोलता हूं 'हैप्पी चिल्ड्रें'स डे बच्चा.' वो बदले में गले के दोनों तरफ बाहें डाल देते हैं, फिर बोलते है 'पापा... प्याये पापा...' अब सुबह और भी अधिक खूबसूरत लगने लगती है. जैसे सूरज लालिमा लिए धीमे धीमे आसमान चढ़ रहा हो, जैसे हवाओं संग कमरे में खुशबू फैल गई हो.'
मैं मुस्कुराते हुए लगभग उन्हीं के लहजे में बोलता हूं 'हम्म...' वो गर्दन मटका कर बोलते हैं 'पापा पुट्टी आई... पुट्टी (Potty).'
... और पापा को एहसास होता है कि हवाओं में जो फैल रही थी, वो खुशबू नहीं थी, कुछ और था।😀😄