Sunday, March 23, 2014

बन्दर


मरना-मारना,
कटना-काटना,
रोना-रुलाना,
बतकही से बक बक
बक-बक से तलवार,
तलवार से लाशें.
बाल काटता रहा आदमी,
बढ़ते रहे बाल.
नाखून घिसता रहा आदमी,
बढ़ते रहे नाखून.
सीधा चलता रहा आदमी,
झुक- झुक जाता है फिर-फिर,
रेंगता फिर-फिर.
रंगता रहा देह,
रंग धुल जाता है फिर-फिर.

झूठ है कि आदमी है वो,
आदमी आदमी नहीं,
आदमी बन्दर है!