भाईसाहब माउंटेनियर हैं. बड़े होकर एडमंड हिलेरी या मध्यप्रदेश गौरव मेघा परमार बनेंगे. चाचू जब भी आते हैं उनके साथ क्लाइंबिंग शुरू कर देते हैं. चाचू के पैर-पिट्ट पर से चढ़ कंधे तक जायेंगे और बस फैन, हैंगिंग लैंप आदि छूने की कोशिश करेंगे.
थो.. तू.. तातु.. तलो..' (छोटू चाचू... चलो) और शुरू हो जाते हैं. बिचारे चाचा थक जाएं लेकिन भाईसाहब का एनर्जी लेवल कम नहीं होता है.
चाचू के बचपन से भाईसाहब की हरकतें इतनी मिलती- जुलती लगती हैं कि कोई भी कह सकता है कि ये चाचू के पक्के वाले भतीजे हैं.
#शौर्य_गाथा