Friday, November 7, 2014

भाषा-शुद्धि

भई शुद्धता चाहिए भाषा में...
हाँ भाई, मिलेगी 
एक दफे नज़र भर के देख तो लो हिंदी को.
नहीं मान्यवर हम एक बार दृष्टिपात करेंगे हिंदी पर.
अच्छा अच्छा... दिल भर आया आपकी हिंदी से...
नहीं-नहीं हृदय भर आया.
अरे वो रिक्शा रोको श्रीमान.
रिक्शा? रिक्शा नहीं है वो... रिक्शा जापानी लफ्ज़ है... 
हिंदी बोलो इसकी हिंदी.
भाई, यंत्रित-बग्घी आवक-जावक समय-सारणी कहा हैं? 
क्या बे?
हा हा.. भाई इसे बस टाइम-टेबल बता दे.

कौन था ये?
ये श्रीमान भाषा-शुद्धि विचारक थे.
'साल्ला वो काहे की भाषा जो हमारे पल्ले ही न पड़े.'