Tuesday, June 11, 2013

अमर कविता !



सड़क पे रोटी टटोलता आदमी देख
मैंने लिख दी एक कविता.

दो दिन बाद,
खाली अंतड़ियाँ लिए
वो आदमी मर गया.

.....और मेरी कविता अमर हो गयी!

काश! मैंने
दो शब्द कहने की बजाय
दो निवाले दिए होते.


Friday, June 7, 2013

अमिताभ के कुत्ते की मौत


                   (Sharing Article of Mayanka SaxenaProducer at Samachar Plus)

              बार बार कोशिश कर रहा हूं लेकिन अमिताभ के कुत्ते की मौत (सॉरी निधन) के सदमे से उबर नहीं पा रहा हूं...घर लौटते वक्त पीछे से कुत्तों ने दौड़ाया तो लगा कि वही पुकार रहा है...एक बार तो लगा कि बाइक रोक कर खुद को कटवा ही लूं...लेकिन तब तक उनका इलाका निकल गया, वो फिर से कुत्ते बन गए...घर आया तो गली में हर कुत्ते की आंख में आंसू दिखाई दे रहे थे...लगा कि बस सिर हाथ फेरते ही गले लग के फूट फूट के रोने लगेंगे...बैकग्राउंड में लगा कि अचानक तेरी मेहरबानियां गाना बज उठा है...घर में घुसा तो महसूस किया कि आज कोई कुत्ता भौंक नही रहा है...सुना है दोपहर से सलमान के कुत्तों ने कुछ नहीं खाया है...संजू बाबा ने तो जेल अधिकारियों से अमिताभ के कुत्ते की शवयात्रा में शामिल होने के लिए पेरोल भी मांगी थी...जेल अधिकारी भी भावुक थे, लेकिन नियमों के आगे बेबस थे...महेश भट्ट बहुत दुखी थे और जस्टिस काटजू कुत्ते के नाम पर विशेष पुरस्कार शुरु करने की मांग करने वाले हैं...श्वान श्री, श्वान भूषण और श्वान विभूषण नाम से...रामगोपाल वर्मा ने अपनी नई फिल्म तेरी कितनी मेहरबानियां का एलान कर दिया है...सपा सरकार संभवतः कल तक उसकी याद में सैफई में एक विशाल स्नानागार बनवा सकती है, जहां गर्मियों में प्रदेश भर के कुत्तों को एसी में स्पेशल बाथ और मसाज मुहैया कराया जाएगा... ख़ैर इससे मेरा दुख तो कम नहीं होगा...किसी ने सलाह दी है कि कल के अखबार में इसी ख़बर के ऊपर समोसा रख कर खाने से कुछ आराम मिलेगा...आप भी आराम की दवा कीजिए...होनी और धोनी पर किसका बस है...अमिताभ के कुत्ते का देहावसान समूची इंसानियत की क्षति है...एक युग का अंत है...
                                                         
pic: Today Amitabh Bachchan shared this pic on Facebook.

Wednesday, June 5, 2013

लगता है कागज़ पे गिटार उकेर दूँ.....



लगता है कोरे कागज़ पे गिटार उकेर दूँ,
या कि तेरे जिस्म में अपनी रूह सकेर दूँ.

मजमुआ तुझको दूँ खुशनुमा पलों का.
तुझसे तमाम ग़मों का ढेर लूँ.
आज चल तू मुझमें गुमशुदा हो,
या कि खुद को तुझमें उड़ेल दूँ?

लगता है कोरे कागज़ पे गिटार उकेर दूँ.....


Pic: यश का आधा गिफ्ट किया (आधे पैसे मैंने दिए थे. ;) ) मेरी पसंद का गिटार वाला 'की-रिंग' और करीब चार साल पहले लिखा डायरी का यादें कुरेदता पन्ना, जिसपे 'आय  मिस यू' टाइटल से पॉएम लिखने की ग़लती की थी.

Tuesday, June 4, 2013

Wish!



आ, फिर उस पहाड़ी पे चलते हैं,
घुप अँधेरे बिताते हैं निजी लम्हे
भुला के सारी रिवायतें
....और रश्मों का लम्बा इंतज़ार.

आधी ज़िन्दगी रिश्ते का इंतज़ार करना,
फिर आधी ज़िन्दगी
उस रिश्ते को लेकर पछताना!
इससे तो बेहतर है,
घुप अँधेरे में
हमारा-तुम्हारा बतियाना.
....भुला के सारी रिवायतें
भुला का रश्मों का ताना-बाना!