Sunday, December 24, 2023

तुम्हारे प्रेम की कविताएं

 


मुस्कुराऊं तो मुस्कुराती हो

बेवजह गाल सहलाती हो

पीछे से आ लिपट जाती हो

बाल बिखराती हो, बारिश कराती हो

नींद में बुदबुदाती हो

कितने वादे करती हो, 

कितने याद दिलाती हो

जब भी खिलखिलाती हो

कितनी भोली नज़र आती हो

चूम लूं , लजाती हो।


तुम बहुत भाती हो।


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सूख के तुम्हारे होंठों से झर जायेगी कविता

कभी उंगलियों की पोरों के उलझ जायेगी कविता

तुम्हारे माथे को चूम इक कविता उगा दूंगा

तुम्हारी करवट पर शांत सो जायेगी कविता।


तुम्हारे होने से पूर्व मैं एक कविता था

तुम्हारे आने के बाद तुम एक कविता हो।


उलझी गलियों में जब उलझोगी

मेरी कविता सीने से लगाना

यूं थम मेरी उंगली चले आना!


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कुछ भी प्रेम हो सकता है,

रिसते हाथ

सिसकती सांस

सरकते होंठ

भीगी आंख.


प्रेम... बस प्रेम है!


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कविता अधूरी

बैठी रही किसी कवि की याद में।


जैसे तुम्हारी राह तकते

मैं बैठा हूं,

दिल्ली में दिल लिए।


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कनखियों से देखता तुम्हारा लजाना

सादगी से सीने में उतर जाना।


कविता की पहली किताब की तुम प्रेरणा होगी

कविता की आखिरी किताब का नज़राना।


तुम्हारी लटो में उलझ मार जाऊंगा,

एक रोज ऐसी कविता हो जाऊंगा।


प्रेरणा सृष्टि के जन्म की रही होगी,

कनाखियों से देखना तुम्हारा लजाना।


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यह कविता

माफीनामा है

तमाम स्त्रियों से,

जिनसे मैंने पुरुष की

तरह व्यवहार किया।


जबकि मुझे मनुष्य होना चाहिए था।



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तुम्हारे होने से ही है ये दुनिया

तुम्हारे होने से हैं ये घर।


कितना सुखद है

किसी के होने से

खुद के होने का एहसास होना।




शौर्य गाथा 97/98

 वर्ल्डकप को इक महीना हो गया है लेकिन भाईसाहब अभी भी क्रिकेट की ही खुमारी में हैं। "पापा मैं तोहली अंकल बनूंगा, आप बॉल फेंको।" पापा बॉल करते हैं।

"पापा मैंने फोर रन मारे।" फिर बोलते हैं "पापा मैं आपको आउट कर रहा।" इनके हाथ में बैट है और ये पापा को आउट कर रहे हैं! इसलिए पापा उन्हें समझाते हैं कि आउट करने के लिए बाउलिंग की जाती है।
भाईसाहब "अले तोहली अंकल तो बैट से आउट करते हैं ना पापा को।"
अब पापा क्या ही बोलें।
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फर्स्ट फ्लोर से हम भाईसाहब के बैट बॉल के साथ नीचे आ गए हैं। भाईसाहब तोहली अंकल' बने हुए हैं।
इन्हें प्यास लगने लगी है। "तोहली अंकल तो पानी पीना है पापा।" मैं पानी लेने ऊपर जाता हूं।
भाईसाहब नीचे से चिल्ला रहे हैं "आले तोहली अंकल ते पापा, तोहली अंकल ते पापा जल्दी नीचे आओ... नीचे। तोहली अंकल को बैटिंग करनी है...."
मम्मा पापा और कॉलोनी का हंस-हंस के बुरा हाल है। पापा पानी लेकर नीचे आते हैं। अपनी प्यास बुझाकर तोहली अंकल बैटिंग करने लगे हैं।