Monday, March 21, 2016

हाय सरदार पटेल ! / मनमोहन

सरदार पटेल होते तो ये सब न होता
कश्मीर की समस्या का तो सवाल ही नहीं था
ये आतंकवाद-वातंकवाद कुछ न होता
अब तक मिसाइल दाग चुके होते
साले सबके सब हरामज़ादे एक ही बार में ध्वस्त हो जाते

सरदार पटेल होते तो हमारे देश में
हमारा इस तरह अपमान न होता !

ये साले हुसैन-वुसैन
और ये सूडो-सेकुलरिस्ट
और ये कम्युनिस्ट-वमुनिस्ट
इतनी हाय तौबा मचाते !
हर कोई ऐरे गैरे साले नत्थू खैरे
हमारे सर पर चठ़कर नाचते !

आबादी इस कदर बढ़ती !
मुट्ठीभर पढ़ी लिखी शहरी औरतें
इस तरह बक बक करतीं !

सच कहें,सरदार पटेल होते
तो हम दस बरस पहले प्रोफ़ेसर बन चुके होते !

यूपी, बिहार से उठा लाएंगे.

इस शहर उजाला नहीं
हम बस्तियां जला अँधेरा भगाएंगे.

रोटियां नहीं कोई गम नहीं
सपने में तुम्हें रोटियां चखाएंगे.

क्या कहा? यहां महोत्सव नहीं होते!
हम ख़ून की होलिका जलाएंगे.

तुम्हारे शहर का भी नाम होगा
आईपीएल में इसे जगह दिलाएंगे.

लड़कियां कम हैं कोई गम नहीं
यूपी, बिहार से उठा लाएंगे.

वोट हमको ही देना याद रखना
जो नहीं देंगे राष्ट्रद्रोही कहलायेंगे.

चालीस साल से हट रही गरीबी, भुखमरी
चालीस बरस नई स्कीम से हम भी हटाएंगे.