Saturday, September 23, 2023

शौर्य गाथा 76

 भाईसाहब पापा से बोलते हैं "पापा, पालवती गालडन तलें?" पापा व्यस्त हैं, सुन नहीं पाते हैं।

भाईसाहब पास आते हैं, पापा को झकझोरते हैं "पापा तलो..."
"कहां चलना है शौर्य?"
"पापा, पालवती गालडन तलें, पापा।" भाईसाहब रिपीट करते हैं।
"ओके" पापा बोलते हैं और भाईसाहब आश्वस्त हो जाते हैं।
दस मिनट बाद भाईसाहब पापा के पास फिर आते हैं "पापा तलो।"
पापा सुनते नहीं हैं। भाईसाहब और पास आते हैं। शायद अब भाईसाहब गुस्सा हो गए हैं। पापा का हाथ पकड़ते हैं और कहते हैं "पापा, मैं आपतो डांट दूंगा।"
बेचारे पापा डर गए हैं, अपना काम छोड़ कर भाईसाहब को लेकर मम्मा के साथ गार्डन जा रहे हैं।