Friday, April 28, 2023

शौर्य गाथा : The Caring Son

 


मम्मा ऑफिस से लौटकर आई हैं। भाईसाहब "मम्मा आप तैसे (कैसे) हो?"
मम्मा - "बेटा मैं थक गई हूं।"
भाईसाहब बेड पर आते हैं और अपने छोटे छोटे हाथों से मम्मा का सर दबाने लगते हैं।
"मम्मा आप सो जाओ।" फिर मम्मा का सर अपनी गोद में रख लेते हैं और जैसे इनको थपकी देकर सुलाया जाता है वैसे ही थपकी देने लगते हैं। ❤️❤️

All reac

Monday, April 24, 2023

शौर्य गाथा : पापा की सुलाने की कोशिश 2

 भाईसाहब कुल जमा 2 साल के हुए हैं लेकिन समझदारी और बोली में कहीं आगे हैं। मीठी सी मिठाई सी शक्ल ऊपर से शर्बत सी बोली, आप उनको देख प्यार किए बिना नहीं रह सकते। आवाज भी धीमे धीमे साफ होती जा रही है। वाक्य भी लंबे लंबे बोलने लगे हैं। मतलब क्यूटनेस और भी बढ़ गई है। मतलब भाईसाहब ' ओवरलोडेड विद क्यूटनेस' हैं। :)

नाना जब भी इनको कुछ काम के लिए बोलते हैं, जैसे "गिलास रख दो", "रैपर डस्टबिन में डाल दो" और जब ये काम कर देते हैं तो इनको "शाबाश! बेटा शाबाश!" कह के शाबाशी देते हैं।

रात 10:00 बज रहे हैं, भाईसाहब की आंखों से नींद नदारद है। ये साइड टेबल से एक समान उठाते हैं और मम्मा को पकड़ाकर बोलते हैं "छाबाछ! मम्मा छाबाछ!"

दूसरा पापा को पकड़ते हैं और कहते हैं "छाबाछ! पापा छाबाछ!

अब इनको धमाचौकड़ी करते हुए 11:00 बज गए हैं। बीच बीच में पापा "वहां तलो" मतलब पापा हॉल में चलो, जिससे मैं धमाचौकड़ी कर पाऊं, कहते रहते हैं। पापा मम्मा लेकिन अनसुना कर देते हैं, इसलिए थककर कहते हैं "पापा पिट्टू थाली (खाली) हो दया (गया) है।" मतलब मैं भूखा हूं, इसी बहाने बाहर ले चलो, लाइट जलाओ, सोने के माहौल से बाहर निकलो, जिससे ऊधम कर सकूं।

पापा मम्मी धीमी आवाज में बहुत हंसते हैं, लेकिन चुपचाप सोने का बहाना कर लेटे रहते हैं, कि ये भी सो जाएं।

भाईसाहब फिर भी नहीं सोते और खुद "नानी तेली मोलनी को..." गाने लगते हैं, साथ ही उछल उछल कर डांस करने लगे हैं। बेचारे पापा के पेट पर धड़ाम से गिरते हैं, पापा बेचारे दर्द से कराह जाते हैं... और भाईसाहब....? भाईसाहब पापा के मुंह की तरफ कोहनी आगे कर कहते हैं "पापा लद दई है.... पुच्ची कल दो... पुच्ची।" पापा कोहनी पर पुच्ची कर देते हैं, भाईसाहब का दर्द ठीक हो जाता है। :D

भाईसाहब का खेल फिर अनवरत चालू रहता है... और लगभग 12:30 पर भाईसाहब फायर इंजन की कहानी सुनते- सुनते सो जाते हैं। 


#शौर्य_गाथा

Saturday, April 22, 2023

शौर्य गाथा : इश्तोरी सुनाओ...इश्तोरी

 


भाईसाहब को कुछ दिन से कहानियां सुनने का नया शौक चढ़ा है। मम्मा सुलाने के लिए कहानियां सुनाती हैं। इसके लिए मम्मा-पापा ने कुछ स्टोरी बुक्स खरीदी हैं, पंचतंत्र की कहानियां खरीदी हैं। चंपक का सब्सक्रिप्शन भी लिया है, लेकिन कभी डिलीवर नहीं हुई है।

आजकल ये सोने नहीं बस कहानियां सुनने बेड पर आते हैं। इनकी डिमांड अलग अलग कहानियां सुनने की हो रही है। हमारी कहानियां खत्म हो चुकी हैं, इसलिए हम अपने मन से बना रहे हैं।

भाईसाहब बोलते हैं "पापा, एंबुलेंस की इश्तोरी (story) सुनाओ"

पापा बेचारे कहानी सुनाते हैं "एक मम्मा कार थी, उसकी दो बेबी कार थीं - C1 और C2, दोनों बेबी कार बड़े हुए और एक एंबुलेंस बना और एक पुलिस। एक बार एक कॉल आया कि एक्सीडेंट हो गया है तो दोनों सूं.. सूं.. सूं.. सूं.. कर के गए और एक्सीडेंट वाली कार्स की मदद की। हमें सबकी मदद करनी चाहिए C1 और C2 के जैसे।"

आपको लग रहा होगा कि ये कहानी सुनते सुनते सो गए होंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं...

भाईसाहब कहानी खत्म होते ही बोले "पापा एक्छीडेंत की इश्तोरी सुनाओ...एक्छीडेंत की।"

अब बेचारे पापा भाईसाहब को कहानी सुनाने एक्सीडेंट में कुछ सकारात्मक ढूंढ रहे हैं।

#शौर्य_गाथा

Wednesday, April 19, 2023

मेरे राम


 राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। वे कहे, बिना कहे ही, मां के कहे का मान रखने, पिता के वचन का सम्मान रखने, चुपचाप चौदह वर्ष वनवास के लिए निकल जाते हैं। जबकि जनमानस उन्हें ही राजा के रूप में देखना चाहता था, वचन से बंधे पिता भी उन्हें वचन न मानने की सलाह देते हैं, लक्ष्मण जैसा वीर भाई साथ खड़ा था, फिर भी!!

राम का चरित्र इसलिए महान है क्योंकि उन्होंने असीम बल, क्षमताओं, सम्पूर्ण जन समर्थन के बाद भी नैतिकता को नहीं छोड़ा, सत्य को नहीं छोड़ा, आचरण को नहीं छोड़ा, विचार को नहीं छोड़ा।

राम का चरित्र किसी भी मंदिर, किसी भी मूर्ति मात्र में नहीं समा सकता है। राम का चरित्र बस जिया जा सकता है, अपनाया जा सकता है। सूक्ष्म में भी हमारे अंदर समा गया तो भी हमें बेहतर मनुष्य बना सकता है। राम को निर्जीव वस्तुओं में नहीं ढाला जा सकता क्योंकि वह सजीव आदर्श मानव का चरित्र है। वह सिर्फ अपनाया जा सकता है स्वयं में, विचारों में, व्यवहार में, आचरण में।

वशिष्ठ, विश्वामित्र के शिष्य राम शांति, एकाग्रता, प्रेम, सहानुभूति, दृढ़ता, वचनबद्धता, सौम्यता, आज्ञापालन, नैतिकता, ज्ञान, साहस, कौशल, वीरता जैसे सद्गुणों का समन्वय हैं, और उनमें ये सारे गुण आवश्यक अनुपात में हैं।

राम का बस वही हो सकता है जिसमें राम के चरित्र, गुणों का समावेशन हो रहा है... और जिनमें हो रहा है उनमें क्रोध, दंभ, लालच जैसे अवगुण नहीं हो सकते, वे दंगाई या हत्यारे नहीं बन सकते।

... और जो इन अवगुणों को धारण किए है और आपके सामने राम का नाम ले रहा है, वो बस आपको, आपकी आस्था को ठग रहा है। 

#Ram

शौर्य गाथा : Parenting

 


रात के 2 बज रहे हैं, पापा-मम्मा भाईसाहब को सुलाने की कोशिश कर रहे हैं। मम्मा बेचारी आधी नींद में "बेटा बाहर लिज़ार्ड (Lizard) है कह उन्हें बेडरूम से बाहर जाने से रोक रही है, भाईसाहब "मम्मा, वहां तलो" कह बाहर हॉल में जाना चाह रहे हैं। पापा बेचारे उन्हें गोद में लेते हैं, गाना लगाकर, उन्हें कंधे पर टिकाकर, टहलकर सुलाने की कोशिश करते हैं। विपिन चाचू उन्हें एक बार ऐसे सुला चुके हैं। भाईसाहब की आंखों से नींद नदारद है। "वहां तलो" की मांग बढ़ गई है।

पापा-मम्मा उन्हें हॉल में लेकर आते हैं। वे सीधे अपने रूम में भागते हैं। वहां टीवी है और फर्श पर गद्दे।

भाईसाहब गद्दे पर बैठे हैं, "पापा, टीवी तला दो।" की जिद चालू है। पापा थककर टीवी चला देते हैं। मम्मा-पापा दोनों वहीं लेट जाते हैं। दोनों थके हैं, दोनों का अगली सुबह ऑफिस भी है। बेचारे लाइट और टीवी की शोर में भी से गए हैं।

3 बजे पापा को हिला हिलाकर उठाया जाता है। "पापा मम मम पीना... मम मम." "पापा, उ थो... उ थो..." पापा जागते हैं। हेल्पर कार्स (Helper Cars Cartoon) अब भी टीवी पर चल रहा है। थकी हुई मम्मा बेचारी घोड़े बेच के सो रही है।

पापा भाईसाहब को पानी पिलाते हैं। "पापा टीवी बंद कल दो... बंद." पापा टीवी बंद कर देते हैं, उन्हें लगता है ये अब सोएंगे। लेकिन भाईसाहब तो भाईसाहब हैं। भाईसाहब एक गेंद उठाते है... "पापा, वहां तलो... वहां."

भाईसाहब तकरीबन सुबह 4 बजे पापा को लेकर वापस हॉल में आ गए हैं... अब उनका फुटबॉल खेलने का मन है...

#शौर्य_गाथा #parenting

Tuesday, April 18, 2023

शौर्य गाथा : खेल



 मम्मा-पापा ने भाईसाहब को बर्थडे पर टेंट हाउस गिफ्ट किया है. अब यह इनका घर है. इनके रूम में जाएं तो कहते हैं "पापा, घर तलो.", "मम्मा, घर तलो."


भाईसाहब पापा को टेंट के अंदर ले आए हैं. अपने पेंट की जेब से झूठमूट के पैसे निकालकर बोलते हैं "पापा, दूद ले लो... मार्तेट(मार्केट) से."

पापा मुस्कुराकर बोलते हैं "ले लिया."

भाईसाहब बोलते हैं "पापा दूद पियो." पापा झूठमूट का दूध पीने की एक्टिंग करते हैं, भाईसाहब "हा... हा... हा" खिलखिलाकर हंस पड़ते हैं.


भाईसाहब अब पापा से पैसे मांगते हैं "पापा, पैथा दो... दूद पीना."


पापा झूठमूट के पैसे देते हैं, भाईसाहब टेंटहाउस की खिड़की से हाथ निकालते हैं, पैसे बढ़ाते हैं और कहते हैं "अंतल (अंकल), दूद दे दो... दूद." फिर झूठमूट का दूध इनके हाथ में आ जाता है और ये पीना शुरू कर देते हैं.

"पापा, अच्छा है...अच्छा." 

"पापा, दूद खम (खत्म) हो गया... बाहल तलो."


...और भाईसाहब के ऐसे ही कोई न कोई खेल चल रहे हैं.


#शौर्य_गाथा

Thursday, April 13, 2023

शौर्य गाथा : पापा विदेत लिथा है... पापा विदेत

 


पापा ऑफिस से आए हैं. भाईसाहब ने पूरे कपड़े बेड पर बिखेर रखे हैं. पापा के आते ही चहचहाकर बोलते हैं "पापा आ दए... पापा आ दए..." पापा उनके बगल में बैठ जाते हैं. भाईसाहब पूछते हैं "पापा आप त्या पहने हैं?"

पापा: "यूनिफॉर्म" 

"पापा आप यूनिफॉर्म त्यों पहने हैं?" पापा जवाब देने की बजाए उन्हें गोद में भरकर प्यार कर लेते हैं. भाईसाहब गोद में बैठे बैठे नेमप्लेट देख लेते हैं. "पापा ये त्या है?"  

"बेटा ये नेमप्लेट है." 

"पापा इथपर त्या लिखा है?" 

मम्मा बोलती है "इसपर पापा का नाम लिखा है. बताओ पापा का नाम क्या है?" भाईसाहब अपनी सुरीली आवाज में बोलते हैं, "विदेत.. पापा विदेत." फिर नेमप्लेट पर उंगली रख बोलते हैं "पापा विदेत लिथा है... पापा विदेत." :D

#शौर्य_गाथा

Thursday, April 6, 2023

शौर्य गाथा : Transfers

 


भाईसाहब के अभिन्न मित्र हैं- अनन्या दीदी, परी दीदी, उन्नी दीदी, मिन्सी दीदी आदि. इनसे 3 से 6 साल बड़े हैं. भाईसाहब सबके साथ खेलते रहते हैं, उन्हीं के हाथ से खाते हैं, उनसे ही लड़ते हैं. छुपन-छुपाई इनका प्रिय खेल है. कभी कभी भाईसाहब मॉन्स्टर बन जाते हैं और अनन्या दीदी, उन्नी दीदी इनके टॉय बेबीज़ को मॉन्स्टर से बचाते हैं. 

कभी इनके टेंट हाउस में पिज़्ज़ा की डिलीवरी वाला गेम होता है. "शौर्य अब हमें भूख लग आई है चलो पिज़्ज़ा खायेंगे." और फिर झूठमूठ का फोन लगाया जाता है और पिज़्ज़ा का ऑर्डर दिया जाता है. "नॉक... नॉक..." की आवाज निकाली जाती है. "कौन है?" "अच्छा पिज़्ज़ा, पैसे लीजिए, पिज़्ज़ा दे दीजिए." इस तरीके का क्यूट सा खेल है. पापा मम्मा चुपचाप बाहर से देखते रहते हैं.

इनके फ्रेंड्स के मम्मा/पापा का ट्रांसफर हो गया है. अब वे जा रहे हैं.

बेचारे मम्मा पापा इसी उधेड़बुन में हैं कि आगे अब वे किसके साथ खेलेंगे... क्या जो नए लोग आएंगे उनके इतने छोटे बच्चे होंगे? क्या वे फैमिली लेकर आयेंगे? क्या भाईसाहब नए लोगों से घुलमिल पाएंगे?

लेकिन ये हर 3 साल की समस्या होने वाली है. हर बार नए लोग, नई जगह, नए फ्रेंड्स, आगे नया स्कूल...

बच्चे के लिए ये अच्छा भी है और बुरा भी... कितना, क्या यह उनके बोर्डिंग स्कूल में पढ़े माता पिता को नहीं पता है...

#शौर्य_गाथा

Sunday, April 2, 2023

शौर्य गाथा : पापा के शौर्य

 


भाईसाहब का पापा-प्रेम बढ़ता जा रहा है. कुछ भी डिमांड हो "पापा..." "पापा...", "पापा दोदी (गोदी) आना....", "पापा थाना थाना(खाना)...", "पापा पेंत(पेंट) पहना दो...." इत्यादि .

एक दिन हम सब बैठे हुए हैं. भाईसाहब पापा से आकर चिपक गए हैं. मम्मा मुस्कुराकर बोलती है "I'm jealous of you."

पापा मुस्कुरा देते हैं और तभी भाईसाहब बोलते हैं "पापा थाना थाना... थाना."

हम सब हंस पड़ते हैं...

#शौर्य_गाथा #Shaurya_Gatha #पापा_के_शौर्य