सड़कनामा
प्यार करना बहुत ही सहज है, जैसे कि ज़ुल्म को झेलते हुए ख़ुद को लड़ाई के लिए तैयार करना. -पाश
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Monday, August 26, 2013
Friend, Gulzar!
साहिल पे रखकर ख़ामोशी
उदास चाँद
ज्वार-भाटे भी नहीं लाता;
लहरों पे बहने का सुकूं
दिन की ख़ामोशी में गुजरता है.
साथी तेरी याद में
सुनसान गली के, वीरान मकाँ में
'गुलज़ार' पकड़े
तन्हाई गुजार रहा हूँ!
On Gulzar's B'day, 18 Aug
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