Saturday, April 21, 2018

आते आते

आते आते थोड़ा सा तुम्हें साथ ले आता हूं,
और थोड़ा सा वहीं रह जाता हूं.

रात में अकेले सोता हूं
सुबह तुम साथ मुस्कुराती सोई मिलती हो.
कभी लाल टीशर्ट में, कभी पीली टीशर्ट में
और मैं मुस्कुराकर तुम्हारे माथे पे सूरज उगा देता हूं.

कभी कभी तुम्हारे रूम में
तुम्हारी धूल खाई किताबों में
ढूंढ़ता हूं कोई कागज
जिसमें मेरे बारे में तुमने लिख छुपाया हो.

हालांकि मेरे रूम में किताबें हैं
रूममेट है
लेकिन इतना नितांत होता हूं कि
बस तुम दिखती हो सर टिकाए मेरे कंधे पे
और मैं हौले से तुम्हारा सर चूम रहा होता हूं.

तुम जाते नहीं दूर
 मेरी हथेलियों में हाथ तुम्हारे थमे होते हैं
गालों पे चिपके होते हैं दो चार बोसे
और होंठों पे तुम्हारे होंठो का स्वाद.

आखिरी बार तुम्हें गले लगा छोड़ आना
दुनिया का सबसे ख़तरनाक कर्म है.