Sunday, July 21, 2013



मेरी दखल से तंग आ
वो पूछती है मुझसे-
'तुम क्या थे? तुम क्या हो?'

मैं वो था,
जिसकी आँखों में
चार सपने पल रहे थे
और हर सपने में तुम थी.

मैं वो हूँ,
जिसकी आँखों में
चार सपने बिखरे हैं
और हर टुकड़े में तुम हो.