Tuesday, December 27, 2016

गरीबी

गरीबी भूख है
गरीबी बीमार होना और
डॉक्टर को न दिखा पाने की विवशता है,
गरीबी स्कूल न जा पाना और
निरक्षर रह जाना है.
या पढ़-लिख जाना
पर नैतिक मूल्यों का न आ पाना है.
गरीबी सड़क पे लड़की छेड़ना है
डॉक्टर का बेईमान हो जाना है.

गरीबी नैतिकता का पतन है.
गरीबी भूख है,
गरीबी सिर्फ भूख ही नहीं है.

गरीबी बेरोज़गारी है
भविष्य के प्रति भय है,
दिन में बस एक बार भोजन पाना है
या दूसरी बार पाने बेईमान हो जाना है.
गरीबी मजबूर हो जाना है,
गरीबी रोज़गार में स्वाभिमान खोना है.

गरीबी बेरोज़गारी है,
गरीबी तिल-तिल मारती रोज़गारी है.

गरीबी अपने बच्चे को
उस बीमारी से मरते देखना है,
जो अस्वच्छ पानी पीने से हुई है.

गरीबी खुद के सरकारी-शौचालय को
गोदाम बनाना,
और शौच बाहर को जाना है.
गरीबी ट्रैन के टॉयलेट में बैठ
सफर करके आना है.

गरीबी अस्वच्छ में रहना है
गरीबी अस्वच्छता फैलाना है
गरीबी अस्वछता से अस्वस्थ होना है.

गरीबी
शक्ति, प्रतिनिधित्वहीनता,
स्वतंत्रता की हीनता का नाम है.
और गरीबी पैसे के बदले वोट डालने जैसे काम है.

गरीबी डरना है
गरीबी मरना है
गरीबी स्वतंत्रता की हीनता है
विकल्पों की दीनता है
गरीबी पराधीनता है.

गरीबी स्वाभिमान का पतन है
कहीं मजबूरी,
तो कहीं स्वजनित है, स्व-जतन है.
गरीबी खोखला होना है,
गरीबी अंदर के आदमी का पतन है.

Inspired from the writings of Shaheen Rafi Khan, Damian Killeen and Amartya Sen