Tuesday, July 4, 2023

शौर्य गाथा : Days of Innocence #part1

 


भाईसाहब बहुत तेज भागते हैं। वो भागते भागते एक रूम से दूसरे रूम में जा रहे थे कि उनका पैर का अंगूठा फाटक में टकरा गया। ऐसा मुझे बहुत बार हुआ है, शायद आपको भी हुआ हो, पैर की सबसे छोटी उंगली जबतब किसी भी चीज में टकराकर घायल हो जाती है और जो दर्द होता है न मां कसम! असहनीय होता है।


भाईसाहब के छोटे से पांव का छोटा सा अंगूठा! भाईसाहब बिलखने लगे हैं। पापा उन्हें झट से उठा लेते हैं और सहलाते हैं, लेकिन वे रोये जा रहे हैं। रोते रोते बोलते हैं "पापा... डॉक्टर... डॉक्टर..."


पापा: " हां बेटा आप डॉक्टर बन जाना और फिर खुद से चोट ठीक कर लेना।"

भाईसाहब रोते हुए: "पापा आप डॉक्टर बन जाओ ना... आप बन जाओ."

पापा मम्मा को हंसी आ जाती है। 


पापा: "बेटा, दादू हैं न, उनसे दवा पूछ लेते हैं।"

भाईसाहब: "नहीं, आप डॉक्टर बन जाओ।"


बेचारे पापा अब इस उम्र में नीट (NEET) की तैयारी करें! पापा आयोडेक्स लाते हैं, इनके नन्हे पांव पर कुछ देर तक मलते हैं... और भाईसाहब पापा की मेहनत देख कह देते हैं, "पापा तीक हो गया... तीक।"

पापा मुस्कुराते हैं और भाईसाहब साथ में मुस्कुरा देते हैं। बाप जैसे नन्हे बेटे की नज़र में डॉक्टर बन गया हो!!

#शौर्य_गाथा #Shaurya_Gatha