Tuesday, August 29, 2023

तुम

तुम उस भोर सी दीप्त हो 
जो एक सुखद शुरुआत की
आभा लिए प्रकाशित होती है. 

तुम उस देहरी सी दीप्त हो 
 जिसे हर दिवाली घर से वापस जाते 
प्रतीक्षा में छोड़ आता हूँ.