प्यार करना बहुत ही सहज है, जैसे कि ज़ुल्म को झेलते हुए ख़ुद को लड़ाई के लिए तैयार करना. -पाश
Wednesday, March 26, 2014
Sunday, March 23, 2014
बन्दर
मरना-मारना,
कटना-काटना,
रोना-रुलाना,
बतकही से बक बक
बक-बक से तलवार,
तलवार से लाशें.
बाल काटता रहा आदमी,
बढ़ते रहे बाल.
नाखून घिसता रहा आदमी,
बढ़ते रहे नाखून.
सीधा चलता रहा आदमी,
झुक- झुक जाता है फिर-फिर,
रेंगता फिर-फिर.
रंगता रहा देह,
रंग धुल जाता है फिर-फिर.
झूठ है कि आदमी है वो,
आदमी आदमी नहीं,
आदमी बन्दर है!
Friday, March 21, 2014
Saturday, March 8, 2014
Sketch : श्वेता
तेरी मुस्कान, गोल चेहरा
एक छलकता बचपन-
निश्छल, निर्मल, निष्कपट.
जब भी तू हंसी
निर्मल, निर्झर-निर्झर...
मैं खोया, बस खोया.
मेरा गाना, तेरा रोना,
मेरा फिर-फिर गाना
तेरा फिर-फिर रोना.
कोई गान नहीं
जो तुम्हें हंसा न सके,
तुम्हें झूठा रुला न सके.
शुक्र है,
बस ट्रैन बढ़ रही है,
तुम अभी भी ज़िंदा हो,
मेरे अंदर... असीम तक.
Sketch : प्रतीक्षा
चलती ट्रैन, नपते रस्ते,
ओझल होते दृश्य.
बस एक तुम्हारा चेहरा है
जो अँधेरे डब्बे में भी
आँखों में चमक रहा है.
तेरा कन्धा मेरा सर,
तेरी हंसी, मेरी मुस्कान,
तेरा गुस्सा, मेरी चुप्पी,
'तेरे पप्पा का', मेरी हंसी.
तेरा रोना, मेरा रोना,
तेरा हँसाना, मेरा खुश होना.
रिश्ते बस जन्म से नहीं बनते,
यकीनन
रिश्ते हमसे बनते हैं.
हमसे-तुमसे...
बस हमसे और तुमसे.
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