नींद
नींद में सिर्फ ख्वाव नहीं,
उदासी भी है,
कुछ अधूरे सपने और तन्हाई भी है.
तो कुछ पाने की उन्मुक्तता,
कुछ सुकून और चैन भी है.
तन्हाई
तन्हाई
बस टैरेस पर अकेला होना नहीं,
भीड़ में खोना भी है.
भरी सड़क अकेला होना भी है.
सफ़ेद लबादे में लिपटी लाश तन्हा नहीं,
तन्हा तुम हो,
क्यूंकि तमाशे में भी अकेले हो.
सड़क/शहर
सड़क का रास्ता,
सिर्फ शहर को नहीं जाता है.
उम्मीद को भी जाता है,
नए अवसर की ओर भी जाता है.
रेल की पटरी किनारे
झुग्गियां बनेगी ज़रूर,
चंद रोटियां तो नसीब होगीं.
भले सुकून मिले ना मिले,
गाँव से शहर थोड़ा अच्छा है......!!!
गाँव का रास्ता तो लम्बा है....
गाँव में,
सुकून है तो क्या,
माँ है तो क्या,
गाँव का रास्ता तो लम्बा है.....
फिर गाँव से शहर लौटना भी है मुश्किल!
तुम्हारी आस में...
कहते हैं,
लौट आते हैं लोग
शाम ढले,
सुबह के भूले भी.
तुम्हारी आस में तो रात गुजर गई.
....
* टैरेस-terrace
* लबादा- चादर, कफ़न(here)
~V!Vs***
प्यार करना बहुत ही सहज है, जैसे कि ज़ुल्म को झेलते हुए ख़ुद को लड़ाई के लिए तैयार करना. -पाश
Wednesday, August 25, 2010
Wednesday, August 18, 2010
मेरे तो कई ख्वाव अधूरे हैं...... जैसे तुम!!
सावन
सावन क्या है?
बूँदें बरसें तो
लहराते पेड़, उमड़ती खुशियाँ.
ना बरसें तो
ठूंठ और शोक की कविता.
कविता
कविता क्या है?
बस वो शब्द नहीं,
जो कह दिए गये.
कविता है,
शब्दों से निकले कुछ मौन अर्थ भी.
...और कुछ अनकहे शब्द भी.
अनकहे शब्द
अनकहे शब्द,
अभिव्यक्त से अधिक कठोर हैं.
एक मौन में कथनों से ज्यादा शोर है!
शोर
शोर क्या है?
किसी सत्य पर हा-हाकार
या मौन सत्य की चीत्कार?
सड़कों पर चक्केजाम, नारेबाजी शोर है
तो अस्मिता लुटने के बाद की चुप्पी क्या है?
सत्य/ख्वाव
सत्य क्या है?
सपनों का धरातल पर उतरना
या कुछ ख्वावों का कभी पूरा ना होना?
ख्वाब सभी को प्यारे हैं,
पूरे कितने ख्वाब तुम्हारे हैं....?
मेरे तो कई अधूरे हैं......
जैसे तुम!!
~V!Vs ***
सावन क्या है?
बूँदें बरसें तो
लहराते पेड़, उमड़ती खुशियाँ.
ना बरसें तो
ठूंठ और शोक की कविता.
कविता
कविता क्या है?
बस वो शब्द नहीं,
जो कह दिए गये.
कविता है,
शब्दों से निकले कुछ मौन अर्थ भी.
...और कुछ अनकहे शब्द भी.
अनकहे शब्द
अनकहे शब्द,
अभिव्यक्त से अधिक कठोर हैं.
एक मौन में कथनों से ज्यादा शोर है!
शोर
शोर क्या है?
किसी सत्य पर हा-हाकार
या मौन सत्य की चीत्कार?
सड़कों पर चक्केजाम, नारेबाजी शोर है
तो अस्मिता लुटने के बाद की चुप्पी क्या है?
सत्य/ख्वाव
सत्य क्या है?
सपनों का धरातल पर उतरना
या कुछ ख्वावों का कभी पूरा ना होना?
ख्वाब सभी को प्यारे हैं,
पूरे कितने ख्वाब तुम्हारे हैं....?
मेरे तो कई अधूरे हैं......
जैसे तुम!!
~V!Vs ***
Saturday, August 14, 2010
Monday, August 2, 2010
Ishq
(Few words are enough to describe feelings, LOVE or ink from whole world is unable to describe; both things are true.
I hope these few three liners are capable to show feelings, thats why im writing. I hope you will like these 'TRIVENIs')
.......
.......
लड़की, लड़की कह चिड़ाने लगे हैं लोग.
लगता है मेरे जिस्म से भी अब तेरी खुशबू आती है.
.......
मैं खुश हूँ कलम तो साथ है मेरे.
शुक्र है नज्में ख़ूनी नहीं होती.
.......
तेरे दिए ज़ख्म इतने बुरे भी नहीं,
चलो अच्छा है दूर से पहचान लेंगे लोग.
सुना है लाल रंग बड़ी दूर से दिखता है.
........
टपकती छट ने सारा बिस्तर भिगो दिया,
फिर भी ये मौसम सुहाना लगता है.
मेरे आँसू कोई नहीं पहचान पाता बारिश में!
........
पहाड़ दूर से देखा, बहुत सुन्दर था,
पास गये, पैरों में फफोले पड़ गये.
तू दूर है तो अच्छा है!!
.......
यूँ ना गम के आँसू बहाव आशिक,
कलम में डुबा कुछ उकेर दो इनसे.
सुना है दर्द में नज्में खूबसूरत बनती हैं.
~V!Vs **
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