Wednesday, January 10, 2024

शौर्य गाथा 101.

 चाचू भाईसाहब को पुतरा (मतलब : गुड्डा, Doll) बोलते हैं। भाईसाहब को ये शब्द रट गया है। भाईसाहब जब अच्छे मूड में होते हैं (मतलब पेट भरा हो, नींद पूरी हो) तो पापा के पास आते हैं, पापा के पेट पर चढ़ते हैं और गालों को हाथ में ले खिलाते हैं और कहते हैं "पुतरा ता तल लहे हो? तलो थेलने तले?"

अब पापा भाईसाहब के गुड्डा हो गए हैं! खुद के गुड्डे का गुड्डा होना कितना प्यारा है ना!!
पापा उन्हें प्यार से सीने से लगा लेते हैं। भाईसाहब बोल रहे हैं "अले! प्याल नहीं तलो। थेलो, थेलो! मैं तोहली अंकल हूं ना...!"