Tuesday, October 10, 2023

पापा के नोट्स 5


 तुमसे जब भी बात करता हूँ कुछ नया सीखता हूँ. जैसे मैं महज अबोध बालक हूँ और तुम ग्यानी. जैसे सारा का सारा ज्ञान उड़ेल ईश्वर ने बच्चौं को भेजा हो. 'पापा, नहीं उसे जेल में बंद नहीं कलेंगे. वो सो लहा है न.' 

'पापा चलो हम पुलिस अंकल बनेंगे...चोल पकलेंगे.' फिर झूठमूठ का पकड़ कर चहक जाना 'पकल लिया!' कितना कुछ है जो तुम सिखा जाते हो. खुद से खुश होना. 'खुद से चहक जाना. न फ़िक्र, न सोचना. बस हँसते जाना.' 


तुम्हारी बातें तुमसे दूर रह भी याद करता हूँ न तो खुश हो जाता हूँ. तुम जब सुबह 'पापा... पापा...' कह उठते हो और चिपक जाते हो, सबसे सुहानी सुबह होती है. इन सुबहों को ज़िन्दगी भर के लिए सम्हाल के रखना चाहता हूँ. निधि कहती है 'ढाई साल पहले हम जी कैसे रहे थे इसके बिना?' मुझे भी एहसास होता है. पहले नहीं पता था लेकिन अब महसूस होता है कि क्यों लोगों को संतान कि इतनी चाहता होती है. मैं बस इसे पहले सोशल प्रेशर मानता था, लेकिन तुमने मुझे वो सिखाया जो शायद कोई और नहीं सिखा सकता था. तुमने मुझे वो महसूस कराया जो कोई और नहीं करा सकता था. वो ख़ुशी, वो एहसास जो और कहीं नहीं मिल सकता.


तुम्हारी माँ से मोहब्बत और तुम! दोनों ही कायनात के दिए सबसे हसीं तोहफे हैं. तुम्हारी तरह अगर इसका शुक्रिया अदा करूँ तो चहककर कहूंगा 'पापा चलो हम थैंकू बोलते हैं.' और हाथ जोड़ के ही चहक जाऊंगा 'बोल दिया.' ईश्वर इससे सुन्दर कौन सी ही प्रार्थनाएं प्राप्त करता होगा! और इनके अलावा किनका ही जवाब देता होगा!


तुम्हारा होना बस कितना सुन्दर है!

#शौर्य_गाथा 82