Monday, January 30, 2012

'उसे' भी इश्क था किसी से......

'वो दोनों ही मुझे पसंद करते हैं,और मजे की बात तो ये है की वो दोनों बेस्ट फ्रेंड्स हैं.' वो बताती है
'तुम्हारे बेस्ट फ्रेंड?'
'अरे  नहीं  डमडम, आपस  में .' 'डमडम' बोलना  उसकी  आदत  है , जहां  हम  प्यार  से  'पागल ' या  'बुद्धू ' बोलते  हैं ,
वहां  वो  'डमडम' बोलती  है . वो  मेरे  कॉलेज  से  ही  है , लेकिन  कॉलेज  के  चार  सालों  में  हमने  कुल चार  दफे  ही  बात  की  होगी , लेकिन  यहाँ  पता  नही  कैसे  हम  घुल -मिल  गये ......और  फ्रेंडशिप  के  शुरुआत  में  ही ...'एज एवेरी  गर्ल  यूज़  टू डू' वो  भी  डिफेंसिव  मोड में  अपनी  लव -लाइफ  (ओर सो  काल्ड  बोय्फ्रेंड्स ) के  बारे  में बता  रही  है .....लड़कियों  को  नये  लडको  से  मिलते  ही  यही  क्यों  लगने  लगता  है की  कहीं  वो  पसंद  न  करने  लगे!!! फिलहाल  वो  जारी  है .....
''a' इज सो  गुड , तुम  तो  जानते  होगे . 'b' के  कम्पेयर  में  स्मार्ट  भी  है , और  इंटेलिजेंट भी ....एंड  मोस्ट  important ही  इज  इन अ  वैरी  गुड  B-school, जब  प्लेसमेंट  पायेगा  तो  'Infy' से  अच्छा  तो  पायेगा  ही ....पर  पता  नहीं  क्यूँ  मैंने  उसे  हाँ  क्यूँ  नहीं  कहा.'
....'a' सच में  अच्छा  है , स्मार्ट ,इंटेलिजेंट  और  मेरी  क्लास  से  अच्छे  B-school में  जाने  बाला  सिंगल  बंदा. 'b' हमारे  साथ  ही  है , Infy में.
''b' को  पता  है?'
'क्या? की  मैं उसे  पसंद  करती  हूँ? शायद  हाँ, शायद  न!!! लेकिन  मुझे  'a' ज्यादा  पसंद  क्यों  नहीं  आया !?!? '....
अब  मैडम को  कौन  समझाए  की  इश्क  दिल  से  होता  है, दिमाग  से  नहीं. दिल  कोई  रूम  तो है  नहीं  की  किसी  को  भी  निकाल  दो  किसी  को  भी  रख  लो.
'यू  नो, आई ऍम  इन  लव.'
'तो  बोल  दो  उससे  जाके.'
'नहीं, क्यूंकि मुझे लगता है उसे भी प्यार है, और अगर  उसे  प्यार  है  तो  उसमे  बोलने  की  भी  डेयरिंग  होनी  चाहिए. वो  'आज  तुम  अच्छी  लग  रही  थी' भी  फ़ोन  पे  कहता  है. ये  तो  नोर्मल  फ्रेंड  इवेन  अननोन  भी  मुंह  पर  बोल  देते  हैं.'
मैं 'b' की हालत पे  हँसता  हूँ.

------अगले  फ्रायडे  को इवनिंग में-----
'कहाँ  जा  रहे  हो  विव?'.....पीछे  'b' है.
'सरदार  के  ढाबे  पे, अमन  वहीं है.' मैं  सीधे  सीधे  जबाव  देता  हूँ ....ये  पेट  भी  अजीब  चीज़  है, लोगों  को  कहाँ 
से  कहाँ  ला  देता  है, ढाबा  बाला  सरदार  जालंधर  से  है, और बेचारा  यहाँ मैसूर में  30 बाय 30 की  खुली  जगह  में  ढाबा  खोले  है.
....खैर, बेक  टू  द  ट्रैक-
'क्या  तुम  भी  पीते  हो ? तुम  तो  जैन  हो.'
'वैसे  'जैन' होने  या  न  होने  से  ज्यादा  फर्क  नहीं  पड़ता, लेकिन  मैं  नहीं  पीता  हूँ. लेकिन  मुझे  पास  बैठने  में  भी  कोई  परहेज़ नहीं  है. तुम  कहाँ  जा  रहे  हो?'
'वहीं  ढाबे  के  पहले  'टोनिफ' पे  खाना  खाने.'
'गुड....मुझे  तुमसे  कुछ  पूंछना  है.'
'क्या'?
'क्या  तुम  'उसे' पसंद  करते  हो?'
'हाँ शायद ......लेकिन  मेरी  भी  मजबूरी  है , ये  हेक्टिक  शेड्यूल और  'उसे',  दोनों को  मैं   एक  साथ  हेंडल  नहीं  कर  सकता.
तुम्हे  तो  पता  है  ट्रेनिंग  में  ध्यान  देना  ज़रूरी  है, नहीं  तो  फ़ैल  हो  जायेंगे.' ......मैं  कुछ  नहीं  कहता  हूँ. ये  साल्ला  इश्क  भी 
कस्टमाइज  हो  गया  है ......और  ये  इश्क  की  तरंगे  अब  दिल  से  नहीं  निकलती, दिमाग  से  निकलती  हैं.
'ब'बाय, रेस्टोरेंट आ  गया'
मैं  जवाब  नहीं  देता  हूँ.

-------वो  बेदर्द  शाम-----
'तुमने  चेक  किया , module  का  रिजल्ट  आया  है.' मेरे  क्लास  में  घुसते  ही  वो  कहती  है......'तुम्हारा  क्या  रहा?'.......'अपना  देखलो, मेरा  क्या  है   बता  ही  दूँगी.'
अपना  कंप्यूटर  खोलते  ही  मैं  उसे  अपना  रिजल्ट  बताता  हूँ ........  'मैं  फ़ैल  हो  गयी', वो  धीरे  से  बोलती  है.'......'पता  है  तुमने  क्लास  के  10 घंटों  में  6 घंटे  'उसकी' बात  की  है. यू  शुड कंसंट्रेट ऑन  यौर  स्टडीज़.'.....'हाँ  करूंगी.' वो  धीरे  से  बोलती  है.
    अब उसकी  ट्रेनिंग  एक  महीने  ज्यादा  चलेगी. उसकी  आँखों  में  आंसू  साफ़  देख  सकता  हूँ ......'मैं  उसे  समझाना  चाहता  हूँ  लेकिन  कहता  कुछ  नहीं.'

'विव  उसका  रिजल्ट  क्या  रहा' सामने  'b' है. ....'वो  फ़ैल  है.'....वो  मेरी  और  देखता  है , कहता  कुछ  नहीं. 'कांग्रेट्स मुझे  तुम्हारा 
रिजल्ट  पता  है , यू  आर  वन  ऑफ़  द टोपर्स.'......'थैंक्स, तुम्हारा  भी  तो  अच्छा  रहा  है .' वो  फोर्मलिटी  करता  है.
'शायद  अब  तुम्हे  पता  चल  गया  होगा  की  मैं  उसके  साथ  क्यों  नही  रहता  हूँ, रहता  तो  मैं  भी  फ़ैल  हो  गया  होता.' उसकी  बदतमीजी पर मैं  थप्पड़  मारना  चाहता  हूँ  बट एसा  करता  नहीं  हूँ. मुझे  उसपे  तरस  आता  है.
'.........या  शायद  तुम  दोनों  ही  बहुत  अच्छे  मार्क्स  लाते.' मैं  मुस्कुरा  के  निकल  जाता  हूँ. वो  पीछे  से  मुझे  घूर  रहा  है.

अपने कंप्यूटर पर  बैठा  हूँ .....बगल  बाली  टेबल  पर  उसका  मोबाइल  पड़ा  है .........वो  शायद  पेंट्री  गयी  है ....मैं  बेवजह ही   घुस  आई अ-सज्जनता  से  उसका   मोबाइल  उठा  लेता  हूँ.
'a' का  मैसेज  पड़ा  है -'यू  आर  सो  इंटेलिजेंट, इट  हेप्पेंस, लाइफ  में  एसा  चलता ही  रहता  है. डोंट  वरी. कहो  तो  सम्मर  ट्रेनिंग  में  मैं  तुम्हारे  पास  आ  जाऊं.'
इश्क  भी  अजीब  है, जिसे  हम  चाहते  हैं  वो  हमे  नहीं  चाहता  और  जो  हमे  चाहता  है  उसे  हम  नहीं  चाहते. किस पर  तरस  करूं, और  किसे  गलत  कहूं? 'a' का  प्यार, 'b' का  इनकार, या  बेचारी  वो  बेकरार? शायद  सभी  गलत हैं  और  शायद  कोई  भी  नहीं .......शायद  इश्क  की  ही  गलती  है.


Thursday, November 24, 2011

तुम्हारे लिए!!

इश्क 
इश्क क्या है?
कुछ हंसते पल,
कुछ मिलकर बांटे गम
...और साथ रहने के सारे वादे!
फिर उम्र भर की दूरियां!
इससे ज्यादा कुछ और हो तो
मुझे समझा दो तुम.


दूरियां!
दूरियां
दो लोगों के दूर रहना नहीं,
पास रह पसरी ख़ामोशी है!
देखो, मीलों दूर रह भी
कितने पास हैं हम!
.....और मैं अपने से
कितना हूँ दूर!


ख़ामोशी...
ख़ामोशी से
मेरे जीवन के कुछ धागे
तेरी ज़िन्दगी से उलझ गये!
फिर मिल हमने कई सारे 
रंग भर लिए!
क्या हर रंग पर
कालिख पोतना ज़रूरी है अब!


अब  
अब तक 
हम का मतलब 'हम' था,
अब 'हम' को मत बांटों.
मैं 'हम' से 'मैं'
नहीं होना चाहता!
कच्ची रस्सी के 
कुछ पक्के धागे जुड़े थे,
उन्हें खोना नहीं चाहता!


तुम्हारे लिए!!
तुम कहते थे ना
चाहकर भी नही लिखना चाहता.
देखो, लिख दी
बिन चाहे ही...
ये छोटी सी कविता,
तुम्हारे लिए!!

याद कहानी सी


अब भी याद आता है वो आँगन
वो अमरुद का पेड़
और वो चंद दीवारों से तृप्त 
छोटा सा घर.....
जैसे बचपन में ही
वहीं कहीं समा गया हूँ!
जैसे दिल वहीं कहीं
अटका के आ गया हूँ.

अब भी उलझी-सुलझी नींद में
तुम्हारी थपकी सुनता हूँ,
ख्वावों की कश्ती भी
अक्स पर तुमपर रूकती है.
जब भी खुद को चुनता हूँ,
हर रंग तुम्हारे चुनता हूँ.
तुम्हारे वो भारी हाथ
और तुम्हारा वो प्यार!
जैसे दिल वहीं कहीं 
अटका के आ गया हूँ.

पक्की कठोर सड़कों से
मिट्टी ज्यादा भली क्यूँ?
क्यूँ भीड़ में मैं
अपनापन ढूंढूं?
क्यूँ आँख तले सपने में
अपना गाँव बुनता हूँ!
क्यूँ यादों में बिखरा बिखरा
मिटकर रोज ही बनता हूँ!

दूर भले हो लेकिन
तुम्हारे लफ्ज़ मन से
चिपके हैं येसे-
दोराहे पर समझाते
झूठे सच से तो अच्छा हूँ मैं!

कभी पार पा गया हूँ,
कभी डूब कर तुममे ही
समा गया हूँ!
जैसे दिल वहीं कहीं
अटका के आ गया हूँ.


Friday, November 18, 2011

The Busy-Man's Show

ONE GAZAL


एक गुलाम देश का सिरमोर बादशाह थोडा मजबूर हो सकता है, थोड़ा अदूरदर्शी हो सकता है, लेकिन जिसकी बजुयों में बाबर का खून दोड़ता हो वो बुजदिल नहीं हो सकता.....और जो अकबर का वंशज हो वो फनकार न हो एसा नहीं हो सकता......फिलहाल इक उजड़ी सल्तनत के उजड़े बादशाह अबू ज़फर सिराजुद्दीन मुहम्मद बहादुर शाह ज़फर उर्फ़ Bahadur Shah Zafar की ये ग़ज़ल.


लगता नहीं है जी मेरा उजड़े दयार में
किसकी बनी है आलम-ए-नापायेदार में

बुलबुल को पासबाँ से न सैयाद से गिला
क़िस्मत में क़ैद लिखी थी फ़स्ल-ए-बहार में

इन हसरतों से कह दो कहीं और जा बसें
इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दाग़दार में

इक शाख़-ए-गुल पे बैठ के बुलबुल है शादमाँ
काँटे बिछा दिये हैं दिल-ए-लालाज़ार में

उम्र-ए-दराज़ माँगके लाए थे चार दिन
दो आरज़ू में कट गए, दो इन्तज़ार में

दिन ज़िन्दगी के ख़त्म हुए शाम हो गई
फैला के पाँव सोएँगे कुंज-ए-मज़ार में

कितना है बदनसीब “ज़फ़र″ दफ़्न के लिए
दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में.



ज़फर को जब भी पढता हूँ, ये बरवस ही मुंह पे आ जाता है.


दो पल हसरती हो सोचता हूँ मैं,
की छू लूं तुझे भी वक़्त रोककर....
पर हसरतें रंगीन नकाब पहन,
बस हसरती ही रह गईं...
वक़्त के तकाज़े में आरजू बह गई.
ख्वाबों में घुली तेरी खुशबू रह गई.


ONE QOUTE


Life is like riding a bicycle. To keep your balance you must keep moving.


---Albert Einstein 



ONE PIC

my last day in college....see, i have camera in my hand.....
 how much cheerful we were..... :)
missing you all.....



SOMETHING VERY CREATIVE


i know, if you are techno-savvy or from technical field, you definitely watched is hundred times....
but still watch once again, coz in aug-2012 (ya, before dooms day, so keep smiling) you can buy such products......:)






and at last.......
I am really sorry that im not frequent on my page but ads you know i am busy with The gold Class Training :) so, ts not by choice.
but thanks for your support and hits on TCM.


love you all....
have a good time. take care.
.........and be purple^. :) :)


^ Here purple represents for middle-way 
not a support for LGBT. :P                                                                                                          
                                                                                                                ~V!Vs

Sunday, October 16, 2011

The Busiman's Show

One POEM..

......तुम्हारे ब्लॉग पर बहुत सारा दर्द पड़ा हुआ है....जैसे सारी दुनिया का बोझ तुमपे ही हो....वो कहता है. 'अब नो मोर रोना थोना.' .....सॉरी बेटा, im gonna wite one more rona-dhona poem!
शम्मी कपूर, स्टीव जोब्स, डेनिस रिची (Dennis Ritchie) को एक साथ ही बुला लिया भगवान ने. क्या भगवान रिची से प्रोग्रामिंग करा कर जोब्स से आईपॉड बनवाना चाहते थे....जिसमे वो शम्मी कपूर की मोवीज़ और डांस तथा जगजीत सिंह की ग़ज़ल लोड करेंगे.
फिलहाल 'सम्हालो मुझे' .....

इन दीवारों को तोड़ो,
कुछ मुश्किलें तो मोड़ो.
इस सुनी सुबह में
कोई तुम्हे
याद कर रहा है.

कांच सी टूटी शामों में,
हौले से थामो मुझे
सम्हालो मुझे, सम्हालो मुझे.

चटके-चटके लफ्ज़ हैं,
हम उखड़े-बिखरे रफ्ज़ हैं,
लूटी गयी हर नब्ज़ है....
अब तो थामो मुझे,
सम्हालो मुझे, सम्हालो मुझे.

हर लफ्ज़ थोडा जहरीला,
हर लम्हा गीला-गीला
चाँद की रौशनी भी
तेज है, गर्म है.
हर एहसास नर्म है.
हौले से थामो मुझे,
सम्हालो मुझे, सम्हालो मुझे.
........

One Pic..

Nowadays most famous picture....but still i want to share......

---------
One Blog...

I think, what im gonna share is the most famous Hindi blog.....just read, you will feel near to yourself.



One Fact...

Guess 'What Love wants?'

'TIME' Definitely...... koi tukka nhi hai, my new and greatest experience.


and At Last....

If you on this blog, then plz plz read  Before Packing the Bags series.....i wanna continue it.
May be, just coz these were important days of important phase of my life.

love you all.......
Take Care



                                                                              ~V!Vs


Friday, August 5, 2011

प्यार, इश्क.....और मोहब्बत

 प्यार-                                                                                                                               'मुझे नहीं पता ये क्या है, but मुझे तो अब खुद पे ही doubts हैं. उसने मुझे function में इतनी बार बुलाया फिर भी मैं तुम्हारे साथ क्यूँ गयी, जबकि मैं पहले भी जा  चुकी थी. पता नहीं लेकिन तुम्हे मैं preference दे रही हूँ.' वो बोलती है...... मैं मुस्कुराता हूँ, कहता कुछ नहीं, कहना चाहता हूँ, ये तो मुझे पिछले कई सालों से हो रहा है लेकिन चुप रहता हूँ. 'ये प्यार नहीं है, तुम्हे पता है न मेरे पापा-मम्मी नहीं मानेंगे, और मैं उनके खिलाफ नहीं जाउंगी, तुम समझ रहे हो न मैं क्या कह रही हूँ? और मैं अपने अन्दर कोई doubts भी नही रखना चाहती.' वो फिर से बोलती है......मैं बस मुस्कुराता हूँ. .....पीछे कहीं से song बज रहा है 'मैं तेरी आँखों में रहता हूँ, तुझे पता न चले'......Jal उसका favorite band है.   

श्क -    
'उसका कॉल आया था, बोल रही थी, मैं उसे भूल जाऊ. एसे कैसे भूल जाऊ यार, येसा थोड़ी न होता है.'  वो बोलता है.....मैं निःशब्द हूँ. ज़िन्दगी सीधे तरीके से क्यूँ नहीं चल सकती है! सोचता हूँ, लेकिन चुप अब भी हूँ. अभी सात-आठ महीने पहले कि ही तो बात थी जब उसकी गर्लफ्रेंड बीमार हुई थी, और उसे कुछ भी याद नहीं था, यहाँ तक कि अपने माँ-बाप भी नहीं, अपना नाम भी नही but उसे अपने बॉयफ्रेंड, मेरे सामने बैठे दोस्त का नाम ज़रूर याद था और वही बोल रही थी बस!! 'क्या तुझे लगता है वो तुझसे प्यार नहीं करती?' मैं अपना मुंह खोलता हूँ. 'पागल है क्या?' वो अजीब तरीके से देखता है, हमारी चाय ख़त्म हो चुकी है और तीसरी बार दो चाय का आर्डर करता हूँ. 'साल्ले तुझे लगता है? तीन साल का प्यार तीन दिन में ख़त्म हो जाता है क्या? उसके बाप ने मना किया होगा.' 'तो उसे प्रॉब्लम क्या है यार?  u r placed in a  good-company- और u r a good guy ! और क्या चाहिए उसे?'..... 'पैसा! मेरा बाप करोडपति नही है, शायद हमारा status मैच नहीं करता.' वो चश्मे से देखता हुआ कहता है.........मुझे पता है उसकी गर्लफ्रेंड का बाप उससे अच्छा लड़का नही ढून्ढ पायेगा, ना ही उससे अच्छी जॉब बाला......फिर भी 'तेरे ससुर को क्या तेरी गर्लफ्रेंड कि शादी तेरे बाप से करानी है?' कहते-कहते रुक जाता हूँ. चाय ख़त्म हो गई है.....मैं चोथी चाय आर्डर करते करते रुक जाता हूँ........मुझे अपनी का ज्यादा चाय पीने  से मना करना याद आ जाता है.

और मोहब्बत....
'साल्ले ज़िन्दगी ट्रायोड नहीं है, यहाँ दो ही चीज़ होती हैं या तो 'हाँ' या 'न' पूछ अपनी उस 'मे बी, मे नोट बी टाइप कंफ्यूज्ड गर्लफ्रेंड से.....या तो इस पार जाए या उस पार........और वैसे भी तू बचपन से बायनरी पढ़ रहा है लेकिन आज तक तुझे ये समझ नहीं आया की ज़िन्दगी भी बायनरी समझती है.' वो लगभग चिल्लाते हुए कहता है. '.....और सच तो ये है की तेरे होने या न होने से उसे कोई फर्क नहीं पडता, रत्ती भर भी नहीं.....और अगर पडता होता तो तेरा कॉल ज़रूर उठा रही होती. साल्ला दिल की एक 'सेल'(कोशिका) भी दर्द करे तो तो पूरा शरीर दहलता है....तू तो समझ रहा होगा न! तेरा जो हाल है, वही हाल उसका होता. लेकिन नहीं है, अगर होता तो तेरे 25 काल्स में से एक का जबाब तो देती, या एक मेसेज ही करती ....'    ........मैं शांत रहकर उसकी बात सुनता रहता हूँ. मुझे पता है वो सही कह रहा है.......पूरा नहीं तो थोड़ी बहुत सो सच्चाई है........'चल अब कहीं मूड फ्रेश करने चल. वो मेरा हाथ पकड़ लगभग खींचते गले लगा लेता है. वो मेरी नम आँखों को पढ़ सकता है. मैं कहना चाहता हूँ यही तो मोहब्बत है. हम यादव की चाय पीने जा रहे हैं......सुना है जो दारु नहीं पीते चाय से काम चलाते हैं.

                  

                                                                                                          ~VIVs***


Sunday, July 10, 2011

Ten day Challenge.Post 3. Seven Wants.


SEVEN WANTS

I escaped post-7, the seven wants....actually I have no any specific want but if I write 'you' 'you' and 'you' seven times then ye galat nhi hoga...but i know 'you' will reply, jhoote, liar, nikamme, nalayak and all that So, I am gonna write my wants-

1. I really wanna slap policeman who took total 400+300 bribe on verification of my passport.
2. Wanna slap my roommate, at-least once (He is not Amit.), He is really a cheater.

3. 'You'

4. Really wanna crack UPSC, passport makes me feel its requirement.

5. Happiness

6.Good luck to all.

ab chhodo, there is no more wants.


                                                        ~V!Vs

Ten day challenge. Post 10. One picture of me.

One Picture of Me


My 7th birth day......:) :)

Friday, July 8, 2011

Ten day challenge. Post 9. Two songs


TWO SONGS

1. Always- Arash and Aysel


***

 2. Erase / Rewind- The Cardigans 




                   
                                                           ~V!Vs


Ten day Challenge.Post 8. Three movies.

THREE FILMS

Its really tough to choose only three films for a boy who is watching average 2 movies every day from last four years, but rules are rules so I am gonna choose only one from each Bollywood, Hollywood, Tollywood  (Kannada was my third language so I can understand Dravid languages and watched more than 100 movies) and other languages (subtitles makes it easy). So, instead of 3 I am choosing four.
***

1. Hollywood: I picked Shawshank Redemption, Vicky Cristina Barcelona, Ocean's 11, Accepted, The 13th Floor and A walk to remember but going to choose Shawshank Redemption coz ........ aap dekho, khud hi pata chal jayega!


***
2.Bollywood: 3 Idiots, Wake up Sid, Munnabhai Series, Veer-Zara are my favorite but instead of all i will choose Abhiman (1973), starring Amithabh Bachchan and Jaya Bhaduri.


***
3.Tollywood: Bommerillu, Surya s/o Krishnan, Happy Days, Arundhati all are entertaining but I will select Bommerillu, definitely.


***
4.Other Languages: I watched mainly Korean, Italian, Chinese and Thai movies among them My Little Bride (Korean)The Scarlet Letter (2004 , Korean), Malena (Italian) and Life is Beautiful (italian, 1997) are my favourite, but i will choose my all time favorite 'Life is Beautiful'





                                                                ~V!Vs