Saturday, March 8, 2014

Sketch : प्रतीक्षा



चलती ट्रैन, नपते रस्ते,
ओझल होते दृश्य.
बस एक तुम्हारा चेहरा है
जो अँधेरे डब्बे में भी
आँखों में चमक रहा है.

तेरा कन्धा मेरा सर,
तेरी हंसी, मेरी मुस्कान,
तेरा गुस्सा, मेरी चुप्पी,
'तेरे पप्पा का', मेरी हंसी.
तेरा रोना, मेरा रोना,
तेरा हँसाना, मेरा खुश होना.

रिश्ते बस जन्म से नहीं बनते,
यकीनन
रिश्ते हमसे बनते हैं.
हमसे-तुमसे...
बस हमसे और तुमसे.