सड़कनामा
प्यार करना बहुत ही सहज है, जैसे कि ज़ुल्म को झेलते हुए ख़ुद को लड़ाई के लिए तैयार करना. -पाश
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Shaurya Gatha Book
Pablo Neruda
Douglas Malloch
Friday, March 21, 2014
कश्तियाँ डोलती हैं
कश्तियाँ डोलती हैं,
सुबह - शाम.
ज्वार-भाटे तेरे शहर भी
कश्तियाँ हिलाते होंगे.
यादों के भाटे,
ख्वाबों के ज्वार,
मन की कश्तियाँ.
कश्तियाँ डोलती हैं.
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