सड़कनामा
प्यार करना बहुत ही सहज है, जैसे कि ज़ुल्म को झेलते हुए ख़ुद को लड़ाई के लिए तैयार करना. -पाश
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Pablo Neruda
Douglas Malloch
Tuesday, January 14, 2014
वसीयत
वसीयत में लिख दो तुम,
दो किलो अचार माँ.
लिख देना अपनी गोद और मेरा सिर,
माथे पे दो चुम्बन और
चूल्हे से सीधे उतारे दो-चार फुल्के.
वसीयत में लिखना सारा वात्सल्य,
अगले जन्म का वादा....बस, इतना काफी है.
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