Thursday, June 30, 2011

लफ्ज़


















लफ्ज़ दर लफ्ज़
बदलते हैं मौसम
कभी रौशनी से सरोबार
तो कभी घुप अँधेरा.
तेरे दो प्यार भरे लफ्ज़
दिन कर देते हैं रोशन.
.....और तेरा एक पल का गुस्सा,
कर देता है दिन बर्बाद!

                                        ~V!Vs***

5 comments:

आशुतोष की कलम said...

क्या बात है आज मौसम गरम है क्या घर पर ???

Smart Indian said...

हाँ, ये वक़्त है, बदलना इसकी फितरत है

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

और तेरा एक पल का गुस्सा,
कर देता है दिन बर्बाद!

:) बहुत खूब .. सही लिखा है ..

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया....

rashmi ravija said...

Badhiya kavita hai...