Sunday, December 24, 2023

शौर्य गाथा 97/98

 वर्ल्डकप को इक महीना हो गया है लेकिन भाईसाहब अभी भी क्रिकेट की ही खुमारी में हैं। "पापा मैं तोहली अंकल बनूंगा, आप बॉल फेंको।" पापा बॉल करते हैं।

"पापा मैंने फोर रन मारे।" फिर बोलते हैं "पापा मैं आपको आउट कर रहा।" इनके हाथ में बैट है और ये पापा को आउट कर रहे हैं! इसलिए पापा उन्हें समझाते हैं कि आउट करने के लिए बाउलिंग की जाती है।
भाईसाहब "अले तोहली अंकल तो बैट से आउट करते हैं ना पापा को।"
अब पापा क्या ही बोलें।
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फर्स्ट फ्लोर से हम भाईसाहब के बैट बॉल के साथ नीचे आ गए हैं। भाईसाहब तोहली अंकल' बने हुए हैं।
इन्हें प्यास लगने लगी है। "तोहली अंकल तो पानी पीना है पापा।" मैं पानी लेने ऊपर जाता हूं।
भाईसाहब नीचे से चिल्ला रहे हैं "आले तोहली अंकल ते पापा, तोहली अंकल ते पापा जल्दी नीचे आओ... नीचे। तोहली अंकल को बैटिंग करनी है...."
मम्मा पापा और कॉलोनी का हंस-हंस के बुरा हाल है। पापा पानी लेकर नीचे आते हैं। अपनी प्यास बुझाकर तोहली अंकल बैटिंग करने लगे हैं।

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