भाईसाहब को सुलाने की कोशिश हो रही है। तरकरीबान एक घंटा हो गया है और भाईसाहब सो ही नहीं रहे हैं। मम्मा बोलती है- "शायद ज्यादा थका हुआ है आप पैर दबा दीजिए।" पापा दबाना शुरू करते हैं और भाईसाहब अगले दस पंद्रह मिनट में सो जाते हैं। पापा को याद आता है कि दादू भी उनके ऐसे ही पैर दबाना शुरू कर देते थे और पापा मना करते करते ऐसे ही सो जाते थे। पापा की उम्र तब करीब दस बारह वर्ष रही होगी।
जीवन में प्रेम का कितना दुहराव है न!
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