Wednesday, April 19, 2023

शौर्य गाथा : Parenting

 


रात के 2 बज रहे हैं, पापा-मम्मा भाईसाहब को सुलाने की कोशिश कर रहे हैं। मम्मा बेचारी आधी नींद में "बेटा बाहर लिज़ार्ड (Lizard) है कह उन्हें बेडरूम से बाहर जाने से रोक रही है, भाईसाहब "मम्मा, वहां तलो" कह बाहर हॉल में जाना चाह रहे हैं। पापा बेचारे उन्हें गोद में लेते हैं, गाना लगाकर, उन्हें कंधे पर टिकाकर, टहलकर सुलाने की कोशिश करते हैं। विपिन चाचू उन्हें एक बार ऐसे सुला चुके हैं। भाईसाहब की आंखों से नींद नदारद है। "वहां तलो" की मांग बढ़ गई है।

पापा-मम्मा उन्हें हॉल में लेकर आते हैं। वे सीधे अपने रूम में भागते हैं। वहां टीवी है और फर्श पर गद्दे।

भाईसाहब गद्दे पर बैठे हैं, "पापा, टीवी तला दो।" की जिद चालू है। पापा थककर टीवी चला देते हैं। मम्मा-पापा दोनों वहीं लेट जाते हैं। दोनों थके हैं, दोनों का अगली सुबह ऑफिस भी है। बेचारे लाइट और टीवी की शोर में भी से गए हैं।

3 बजे पापा को हिला हिलाकर उठाया जाता है। "पापा मम मम पीना... मम मम." "पापा, उ थो... उ थो..." पापा जागते हैं। हेल्पर कार्स (Helper Cars Cartoon) अब भी टीवी पर चल रहा है। थकी हुई मम्मा बेचारी घोड़े बेच के सो रही है।

पापा भाईसाहब को पानी पिलाते हैं। "पापा टीवी बंद कल दो... बंद." पापा टीवी बंद कर देते हैं, उन्हें लगता है ये अब सोएंगे। लेकिन भाईसाहब तो भाईसाहब हैं। भाईसाहब एक गेंद उठाते है... "पापा, वहां तलो... वहां."

भाईसाहब तकरीबन सुबह 4 बजे पापा को लेकर वापस हॉल में आ गए हैं... अब उनका फुटबॉल खेलने का मन है...

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