"विवेक, मैं ऑफिस में आज ज्यादा थक गई हूं। इसको आज आप सुलाओगे।" मम्मा के फरमान के बाद आज भाईसाहब को सुलाने की ड्यूटी पापा की है।
पापा भाईसाहब को अलग रूम में लेकर गए हैं, उन्हें सुलाने की कोशिश कर रहे हैं। भाईसाहब बोलते हैं पापा "बेबी ताहिये बेबी।" पापा बेचारे भाईसाहब के रूम में जाते हैं, खिलौनों में से बेबी निकाल के लेकर आते हैं। अब पापा भाईसाहब को पीठ पर थपकी देकर "लल्ला लल्ला लोरी..." सुना रहे हैं और भाईसाहब बेबी को "ऊं... ऊं..." करके थपकी देकर सुला रहे हैं।
थोड़ी देर बाद भाईसाहब बोलते हैं "पापा... पापा... बेबी को दुधु पीना।" बेचारे पापा कहते हैं बेटा आपके बेबी को तो पापा ने अभी दुधू पिलाया था।
भाईसाहब चुप लेट गए हैं पापा को लगता है सोने के मूड में आ गए हैं। लेकिन भाईसाहब तो भाईसाहब हैं। दो मिनट बाद बोलते हैं "पापा आपते बेबी को दुधु पीना।"
पापा इसका जवाब नहीं दे पाते। बेचारे किचन जाते हैं, दूध गर्म करने लगते हैं। तब तक भाईसाहब अपनी गाड़ी पर बैठ गया हैं और तेजी से चलाते हुए "लाउंड एंड लाउंड...." गा रहे हैं। पापा उधर दूध गर्म करते खुद को राउंड एंड राउंड घूमता महसूस कर रहे हैं।
भाईसाहब सिर्फ दो घूंट दूध पीते हैं, बेड पर आते हैं। पापा फिर पीठ थपथपाते है, भाईसाहब फिर पांच मिनिट में नई फरमाइश रख देते हैं। "पापा मम..मम.. पीना... मम..मम.." पापा फिर किचन जाते हैं, भाईसाहब को पानी पिलाते हैं और फिर उसी क्रम में दो मिनट बाद भाईसाहब बोलते हैं "पापा मम्मा पास जाना है... मम्मा पास।"
पापा बेचारे डेढ़ घंटे सुलाने की कोशिश करने के बाद भाईसाहब को मम्मा पास लेकर आते हैं। भाईसाहब मम्मा से चिपक जाते हैं और पांच मिनट में ही सो जाते हैं!
#शौर्य_गाथा
No comments:
Post a Comment