Thursday, December 8, 2022

शौर्य गाथा : Parents' Struggle 2


 सुबह के नौ बज रहे हैं पापा मां ऑफिस के लिए तैयार हो रहे हैं. ब्रेकफास्ट में परांठे और दही है. पापा-मम्मा खाना शुरू करते हैं, अभी-अभी जागे भाईसाहब पूरे घर के एक-दो राउंड लगाने के बाद पास आते हैं. बोलते हैं 'ये चा.. इये...' पापा उन्हें उठाकर उनकी चेयर पर बिठा देते हैं. भाईसाहब की थाली लगाते हैं, परांठे का टुकड़ा मुंह में डालते हैं. भाईसाहब कौर उगल देते हैं. कहते हैं 'नइ पापा..नइ..' मतलब उन्हें ये नहीं खाना है. अब भाईसाहब के हाथ में चम्मच है और भाईसाहब शुरू हो गए हैं. टारगेट सिर्फ दही है. दही इनका फेवरेट है. आधा दही मुंह में, आधा कपड़ों पर है. बिलकुल कान्हा लग रहे हैं. पापा बोलते हैं 'बिल्कुल कन्हैया कुमार लग रहे हो.' मम्मा पापा को टोकती है 'नो पोलिटिकल टॉक एट होम.' पापा को एहसास होता है कि गलती से उन्होंने राजनेता का नाम ले दिया है पापा गलती सुधारते हैं 'बेटा बिल्कुल माखनचोर लग रहे हैं. ठीक है शौर्य?' :D भाईसाहब बोलते हैं 'ती..क... है'

छोटे से कान्हा कि हरकतें देख देख ख़ुशी तो बहुत हुई है लेकिन समय इतना हो गया है कि पापा-मम्मा बेचारे तेज़ी से तैयार हुए हैं, जल्दी जल्दी भाईसाहब को नहलाया गया है और बेचारे पापा बिना नहाये ही ऑफिस निकल गए हैं. गीज़र चालू छूट गया है, जिसके लिए शाम में बेचारी मम्मा को नानी की डांट पड़ती है.

#शौर्य_गाथा

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