'यूनियन कार्बाइड' से तबाह और उससे ज्यादा खूबसूरती से आबाद हुए भोपाल से ज्यादा खूबसूरत जगह मिले तो बताना.
भोपाल तुम शहर नहीं, कुछ मरे और कुछ जिंदा लम्हों की निशानी हो, जिन्हें याद करके मैं फिर से जीने की तमन्ना जगाता हूँ, कहीं भी, किसी भी अजनबी शहर में. हर शहर में मैं अपना भोपाल बसा लेता हूँ!
इस शहर में फिर मौत आये तो मैं कहूँगा, 'रात में ही आना' क्यूंकि जागते रहे तो हमारे जिंदा रहने के इरादे जज़्ब नहीं होंगे और मौत यक़ीनन तुझे भागना पड़ेगा.
02.12.2013. #Bhopal, #Bhopal_Gas_Tragedy (2-3 Dec Night 1984 )
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