प्यार करना बहुत ही सहज है, जैसे कि ज़ुल्म को झेलते हुए ख़ुद को लड़ाई के लिए तैयार करना. -पाश
शाम-ए-शहर-ए-दिल्ली तुम्हारे संग खूबसूरत हो जाती है. संग तुम्हारे मैं भोपाल से इश्क़ में पड़ जाता हूं. जैसे शहर से इश्क़ होने के लिए उस शहर तुम्हारा होना जरूरी हो.
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