खुद से मिले हो कभी?
Appreciate किया है खुद को कभी?
जाना है?
आईने से बाहर अपनी शक्ल पहचानते हो?
खुद को जानते हो?
जितना सोचा दुनिया को
उसका थोडा भी खुद को सोचा?
किस-किस की आँखों से खुद को देखा
खुद की आँखों से खुद को देखा?
कितनी आग है
कौन सा दरिया है
हवाएं, साए, परछाईयाँ
जमीं, धूल, रुबाईयाँ
थक कर रूह बोली
ठहरो! खुद से तो मिल लूँ.
हेव यू मेट यू?
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