इस शहर उजाला नहीं
हम बस्तियां जला अँधेरा भगाएंगे.
रोटियां नहीं कोई गम नहीं
सपने में तुम्हें रोटियां चखाएंगे.
क्या कहा? यहां महोत्सव नहीं होते!
हम ख़ून की होलिका जलाएंगे.
तुम्हारे शहर का भी नाम होगा
आईपीएल में इसे जगह दिलाएंगे.
लड़कियां कम हैं कोई गम नहीं
यूपी, बिहार से उठा लाएंगे.
वोट हमको ही देना याद रखना
जो नहीं देंगे राष्ट्रद्रोही कहलायेंगे.
चालीस साल से हट रही गरीबी, भुखमरी
चालीस बरस नई स्कीम से हम भी हटाएंगे.
हम बस्तियां जला अँधेरा भगाएंगे.
रोटियां नहीं कोई गम नहीं
सपने में तुम्हें रोटियां चखाएंगे.
क्या कहा? यहां महोत्सव नहीं होते!
हम ख़ून की होलिका जलाएंगे.
तुम्हारे शहर का भी नाम होगा
आईपीएल में इसे जगह दिलाएंगे.
लड़कियां कम हैं कोई गम नहीं
यूपी, बिहार से उठा लाएंगे.
वोट हमको ही देना याद रखना
जो नहीं देंगे राष्ट्रद्रोही कहलायेंगे.
चालीस साल से हट रही गरीबी, भुखमरी
चालीस बरस नई स्कीम से हम भी हटाएंगे.
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