Saturday, July 18, 2015

इतना कुछ था / कुंवर नारायण


इतना कुछ था दुनिया में
लड़ने झगड़ने को
पर ऐसा मन मिला
कि ज़रा-से प्यार में डूबा रहा
और जीवन बीत गया.


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