1.
सत्य माना,
उन्हें इंसान नहीं भगवान कहा.
उनके पत्थर के प्रतिमान बनाये,
फिर उनका कहा, उन्हीं पत्थरों में तज दिया.
मूर्तियां भगवान् बन गई,
...और महावीर, बुद्ध का कहा कहीं खो गया.
हम सिर्फ मूर्तिपूजक थे, मूर्तिपूजक ही रहे.
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2.
मूर्तियां बदलीं, पूजा के तरीके बदले,
बस हम नहीं बदले.
न महावीर का कहा माना,
न बुद्ध का कहा माना.
हमने बस धर्म बदले, हम नहीं बदले.
हम सिर्फ मूर्तिपूजक थे, मूर्तिपूजक ही रहे.
1 comment:
लोग क्या कहते हैं मुझे नहीं पता पर मेरे सर्वप्रिय लेखकों में...आप को शुमार करने लगा हूँ।
लिखते रहिये, आप का एक पाठक पक्का है।
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