सड़कनामा
प्यार करना बहुत ही सहज है, जैसे कि ज़ुल्म को झेलते हुए ख़ुद को लड़ाई के लिए तैयार करना. -पाश
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Pablo Neruda
Douglas Malloch
Tuesday, June 11, 2013
अमर कविता !
सड़क पे रोटी टटोलता आदमी देख
मैंने लिख दी एक कविता.
दो दिन बाद,
खाली अंतड़ियाँ लिए
वो आदमी मर गया.
.....और मेरी कविता अमर हो गयी!
काश! मैंने
दो शब्द कहने की बजाय
दो निवाले दिए होते.
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