Sunday, December 3, 2023

शौर्य गाथा 93

 भाईसाहब ओवरलोडेड विद क्यूटनेस हैं। तोतली आवाज में बहुत सी बातें, बहुत सी प्यारी प्यारी हरकतें, स्कूल के झूठे-सच्चे तोतले किस्से। ऐसे लग रहा है कि ये लम्हे फ्रीज हो जाएं और भाईसाहब इसी उमर में ठहर जाएं।

कितना सुंदर है बचपन। प्यारी प्यारी शिकायतें, छोटी छोटी डिमांड्स, छोटी छोटी बात में बड़ी सी खुशियां, बेखौफ हंसी, निश्छल प्रेम। बचपन देख आप ज़िंदगी से मोहब्बत में कई दफ़े पड़ सकते हैं, कई-कई बार!
इनकी बीमारियां महज़ अपनी बहन को देखकर ख़त्म हो जाती हैं! चॉकलेट पे खुशियां बिखर जाती हैं! पेपर टेप की नेमप्लेट से भाईसाहब का जैसे दिन बन जाता है! किताबें अपनी भाषा में ऊलजलूल पढ़ ली जाती हैं! इतना खूबसूरत जिंदगी का और कौन हिस्सा होता होगा...

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