आज ब्रो की सुबह जल्दी हो गयी है,ब्रो की हरकतें और बातें एकदम नेक्स्ट लेवल पर जा रहीं है।
ब्रो अब पॉटी बतानें लगे हैं...यार दोस्त तातू पोत्ती आ ली...और फिर दोनों दौड़ लगाते हैं वाशरूम की ओर...
इनको चाहिए कि चाचू भी वहीं बैठें और इनकी बकर सुनें...जैसे याल तातू डंप तृक की स्तोरी सुना दूँ?
'तातु वो तबूतर बुला ला था आपतो...'
'में पोलित अंतल हूँ'
अभी कुछ दिन पहले ब्रो को ब्रश करना सिखानें में चाचू की ड्यूटी लगी थी।
भाभी नें ये कहते हुये जिम्मेदारी सौंपी की ब्रो तो रोज़ अपना पेस्ट खा लेते हैं....
दो चार दिन साथ ब्रश करनें के बाद भी ब्रो अपना पेस्ट मौका देख धमक देते हैं...थोड़ा सीख गए हैं।
इनके साथ जीना एकदम लाज़बाब है।
जैसे ही में बोलता हूं 'शौर्य भगवान की जय'
भाई पोत्ती शीट पर दम लगाते हुए बोलते हैं
'थोतू तातू भदवान ती दये'
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