Monday, June 26, 2023

शौर्य गाथा : 7 Days Without Mamma #Day4


कहते हैं नानियां नाती-नातिन में बेटी का बचपन खोजती हैं। शौर्य की नानी को शौर्य से अगाध प्रेम है। वो जब भी रहती हैं, दिन भर कुछ न कुछ खिलाती रहती हैं, नया-नया बनाती रहती हैं। शौर्य थोड़े से बीमार पड़े नहीं कि अगली गाड़ी से सीधे चली आती हैं। उनका प्रेम अदभुत है।

उम्र के साथ धार्मिक सभी हो जाते हैं, किंतु धर्म का मर्म समझ उसे अपने व्यवहार, विचार और आचरण में बहुत कम समाहित कर पाते हैं। नानी उन बहुत कम लोगों में से एक हैं।

पापा के ऑफिस जाने के बाद भाईसाहब दिनभर नानी और भाई- बहन (ममेरे) के साथ खेलते रहते हैं। यशी चार वर्ष की है और अपनी उम्र के जितनी चुलबुली किंतु उम्र से अधिक समझदार। भाईसाहब कभी धोखे से भी मार दें तो भी वो प्यार करना नहीं छोड़ती।

ईशान आठ वर्ष के हैं, धीमे धीमे बड़े हो रहे हैं। उनकी गलती पर हम डांट भी देते हैं किंतु शौर्य के प्रति उन्हें अत्यधिक प्रेम हैं।

इनके साथ खेलते हुए भाईसाहब मम्मा को भूले रहते हैं। आज दिनभर से सब डांस कर रहे हैं, नाना नानी वीडियो बना रहे हैं। पापा के लौटते ही नानी वीडियो दिखाती हैं।

आज चौथा दिन है, आज दिनभर में भाईसाहब ने मम्मा को कल से कम याद किया है, शायद Situation में ढल रहे हैं... मम्मा भी धीमे धीमे एडजस्ट कर रही है।

नाना ने भाईसाहब की मालिश कर दी है, दिनभर हाइपर एक्टिव रहे भाईसाहब भी थके हैं... वे कहानी सुनते सुनते बीच बीच में मम्मा को याद करते हुए पापा के पास सो जाते हैं।

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