मैं सोचता हूँ अगर स्टीफन हाकिंग भारत में होते तो कैसे रहे होते? क्या हमारे देश में उनकी अपंगता ने उन्हें जीने दिया होता? क्या हमारी 'महान' परिवार व्यवस्था, जिसकी हम मिसालें देते हैं ने उनके टैलेंट को ध्यान रख जरूरतें मुहैया कराई होतीं? क्या ख्याल रखा होता? और क्या हमारी 'महान' गुरु-शिष्य परंपरा में शिष्यों ने उसी तरह उनका ख्याल रखा होता जिस तरह उनके छात्रों ने उनका रखा था?
आपको भी जवाब पता हैं और मुझे भी. सच तो ये है कि हमारी 'महान' व्यवस्थाएं अंदर से सड़ चुकी हैं. इतनी अधिक कि उनकी 'महानता' पर गर्व कर लीपा-पोती करने कि बजाय हमें शर्म करते/रखते हुए उन्हें सुधारने की आवश्यकता है.
लेकिन बजट भी हमारे बजट भाषण में शिक्षा और स्वास्थ्य पर किये वादे में से भी कुछ प्रतिशत की कमी करने के बाद बिना की बहस के आधे घंटे में पास हो जाता है और इसका विरोध करना न हमारी प्रायोरिटी बनता है न मीडिया की.
सच तो ये है कि सिर्फ मीडिया नहीं हम सब ही बाथटब में डूबे हुए हैं और श्रीदेवी के बहुत पहले से ही.
#TheObtuseAngle
आपको भी जवाब पता हैं और मुझे भी. सच तो ये है कि हमारी 'महान' व्यवस्थाएं अंदर से सड़ चुकी हैं. इतनी अधिक कि उनकी 'महानता' पर गर्व कर लीपा-पोती करने कि बजाय हमें शर्म करते/रखते हुए उन्हें सुधारने की आवश्यकता है.
लेकिन बजट भी हमारे बजट भाषण में शिक्षा और स्वास्थ्य पर किये वादे में से भी कुछ प्रतिशत की कमी करने के बाद बिना की बहस के आधे घंटे में पास हो जाता है और इसका विरोध करना न हमारी प्रायोरिटी बनता है न मीडिया की.
सच तो ये है कि सिर्फ मीडिया नहीं हम सब ही बाथटब में डूबे हुए हैं और श्रीदेवी के बहुत पहले से ही.
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