Sunday, February 18, 2018

[The Blue Canvas] ३

बहुत पहले बड़ी दूर से चलकर आता है लड़का लड़की से मिलने. वो घूमते हैं लड़की का शहर और एक जगह एक बाबा से इक्यावन रुपए में पूछते हैं अपना भविष्य.
बाबा लड़के का हाथ देख चहक के बोल उठता है कि अगर वो इंजीनियर होता तो विदेश जाता.
लड़का हंसकर बोलता है कि उसे इसी देश में मरना है... और वर्षों बाद सचमुच विदेश जाने का मौका छोड़ यहीं का रह जाता है.
...और भी बहुत कुछ बताता है बाबा जो अब याद नहीं. लेकिन जब भी लड़का या लड़की पूछते हैं कि क्या वो दोनों उम्रभर साथ होंगे?
बाबा टाल जाता है और कुछ और ही बोलने लगता है.
लड़की समझ जाती है, लड़का भी... और होता भी वही है. लड़का कहीं और है लड़की कहीं और ब्याही है.
इक दिन लड़की के पति ने हाथ उठाया लड़की पर और लड़की ने भी पलट के पीटा उसे. उससे कहीं ज्यादा.
लड़के को कहीं से पता चलता है तो मुस्कुरा देता है. खुश होकर चीखता है, ' वो बाबा झूठा था. किसने कहा मैं उसके साथ नहीं. वर्षों मैंने लड़की को यही तो सिखाया था.. हर राइट्स, इक्वालिटी एंड सेल्फ रेस्पेक्ट. देखो मैं अब भी साथ हूं.'
लड़के की मौजूदा प्रेमिका मुस्कुरा कर गले लग जाती है.
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'हमेशा मेरे साथ ऐसा क्यों होता हैं? कोई अपने बाप की ज़िन्दगी का बहाना ले चली जाती है कोई अपनी माँ की ज़िन्दगी का बहाना ले. कोई सच क्यों नहीं बोलता यार!' लड़के के हाथ में आदतन ब्लैक लेवल है और आँखों में ढेर सारे आंसू. मैं उसे तसल्ली देता हूँ. वो झिटक देता है. 'नहीं, तू बता मुझको... सच बोलने में क्या चला जायेगा. कुछ तो कारण होंगे- जॉब, पैसा, लुक्स. कुछ तो होता होगा यार. सीधे सीधे क्यों नहीं बता के जाता कोई. ये दूसरी बार है जब ऐसा हुआ था कि मैं किसी के साथ ज़िन्दगी के ख्वाब देख रहा था. उसके पास्ट को जानकर भी!'

मुझे मसान का 'ये दुःख काहे ख़त्म नहीं होता वे' वाला सीन याद आता है. मैं लड़की को फ़ोन करता हूँ. उसकी अपनी मजबूरियां हैं. मैं रख देता हूँ.

मैं सम्हालता हूँ और सम्हालने में असफल हो जाता हूँ. छह दिन बाद उसकी डेड बॉडी की शिनाख्त के लिए  बुलाया जाता है. ऐसे लगता है मैं खुद की ही लाश देख रहा हूँ. मैं टूट जाता हूँ. खुद को ज्यादा दोषी मानता हूँ.

सबकुछ सम्हाल लड़की को फ़ोन लगता हूँ. वो उसे अंतिम बार देखने भी नहीं आती. उसकी अपनी मजबूरियां हैं. शायद उसके आंसू भी न निकले हों. आंसुओं की भी अपनी मजबूरियां होती हैं.
#TheBlueCanvas

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