Wednesday, March 18, 2015

जादू से कोख भर देते हैं

ओट में छुप जाओ की चुम्बन लेना यहां वर्जित है
हाँ, हाँ पेशाब कर लो, सड़क आदमी के बाप की है
शुक्र मनाओ आप भारत में हैं.
उफ़! औरतें ये पर्दा भी नहीं करतीं
ये हैं संस्कार आज के
मादर##, बेन## पश्चिमी संस्कृति का असर है!
हटो की लुंगी पहिन लूँ अब
कच्छे में बहुत क़स्बा नाप लिया.
मेरे क़स्बे के यहां से भी
एक हाइवे निकलना चाहिए.
हमारी औरतें तो कम से कम नित्यक्रिया
आराम से कर सकें!
रहने दो, रेल निकलवा दो
पटरियां काम आएंगी.
गौ-हत्यारी है वो कौम,
ये नहीं सहेगा हिन्दू.
अबे हटा सड़क से वो गाय
मार दो-चार लट्ठ,
किसने साली को यहां छोड़ दिया?
अब क्या इतने भी बुरे दिन हैं कि
रात भर बैठ मानस पढ़ेंगे?
कैसी हिंदी लिखी तुलसी ने,
आधी बात समझ नहीं आती.
सुनो, राम मंदिर वहीं बनेगा
रामजन्म भूमि है वो,
ए. सी. में बैठ हमारे संत यही कह रहे हैं.
हमारे पीर/ संत देवता होते हैं... जादू से कोख भर देते हैं.
बलात्कारी तो एक-दो निकले बस.

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