हर व्यक्ति बदलना चाहता है तुम्हें,
अपनी नज़र से.
हर व्यक्ति के लिए तुम हो,
अच्छे कभी, कभी बुरे.
उसकी नज़र, बस उसकी नज़र से
देखेगा तुम्हें वो...
चाहे तुम सही रहो या गलत!
दुनिया बहुत छोटी है,
सोच के मामले में.
दुनिया बहुत तिरछी है,
नज़र के मामले में.
तू अपनी धुन बजाता चल,
गीत खुद का गाता चला,
दुनिया की टेड़ी नज़रों को
अपनी नज़र दिखाता चल.
1 comment:
बहुत सुन्दर और सटीक...
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