विदर्भ के किसान का फोटो!
बेटियां भेंट करते,
विदर्भ के किसान का फोटो!
देश का सच कहने काफी है.
बीस रूपये सैकड़ा से,
लिया गया ब्याज.
चुकाते-चुकाते मर गये आप!
खेती भी बेंची, घर भी बेंच डाला,
साहूकार ने सबकुछ पचा डाला.
अब बचीं जवान बेटियां,
वो भी भेंट करो,
क़र्ज़ चुक जायेगा!
हवश से मिटता क़र्ज़,
देश करता तरक्की!
विकास की बात कहाँ तक सच्ची?
1 comment:
देश करता तरक्की!
विकास की बात कहाँ तक सच्ची?
thought provoking
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