Friday, November 25, 2022

शौर्य गाथा : पा..पा.., पा..पा.. वि.. देत..



 इनकी मम्मा मुझे आवाज दे रही हैं 'विवेक... विवेक...' मैं मोबाइल में घुसा हुआ हूं इसलिए सुन नहीं पाता हूं. इतने में भाईसाहब एक्टिव हो जाते हैं. दूर से चिल्ला कर कहते हैं 'वि.. दे.. त.. मम्मा बुलाई.' मैं उनके बोलने पर हंस देता हूं लेकिन जानबूझकर इग्नोर करता हूं तो ये फिर से आवाज देते हैं 'विदे.. त.. मम्मा बुलाई' अब मैं इनकी ओर देखता हूं और भाईसाहब क्यूट सी स्माइल करते हुए कहते हैं 'पा..पा.., पा..पा.. वि.. देत..'

अब मम्मा इन्हें मोरल एजुकेशन का पाठ पढ़ाती हैं, 'पापा को पापा कहते हैं नाम नहीं लेते.' इतने में मैं बोल देता हूं 'निधि... निधि...' और भाईसाहब शुरू हो जाते हैं 'नि.. धी... पापा बुलाई.' 😃
अब मम्मा मुझे घूर रही हैं.😄

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